इस मामले में शहीद नरेंद्र कुमार की वीरांगना सुमित्रा ने बताया कि सरकारी गाड़ी आई थी वह बोल रहा था तेल डालो नहीं नहीं तो हम पंप को बंद कर देंगे। 24 घंटे ऐसे ही हमें परेशान करते हैं। कभी कहते हैं कि पैसे दे दो कभी कहते हैं तेल दे दो नहीं तो हम पंप बंद कर देंगे। मंत्री जी होने की धमकी देकर कहते हैं या तो तेल डालो या पैसे दो मैं अपनी जेब से तेल नही डलवाऊंगा। नहीं तो पंप बंद करके जाऊंगा। सुमित्रा ने बताया कि सरकारी वाहनों में पर्ची से डीजल भरा जाता है, लेकिन पिछले डेढ़ साल में 15 से 20 लाख रुपए का भुगतान नहीं हुआ। इस दौरान नीमराणा एसडीएम भी वाहन में डीजल डलवाने पंप पर पहुंचे।
इस बात को लेकर बढ़ा विवाद पेट्रोल पंप पर मुफ्त में डीजल देने से मना करने पर वन मंत्री की गाड़ी के ड्राइवर ने फिलिंग मशीन ने गाड़ी आगे ले जाने से मना कर दिया। दूसरी गाड़ी से कुछ लोगों को बुलाकर पेट्रोल पंप कर्मियों को धमकाने लगा। शहीद की पत्नी सुमित्रा आई तो उनसे कहा कि सीधी खड़ी रहकर बात कर। ये सब बंद करा दूंगा।
प्रत्यक्षदर्शी शहीद नरेंद्र कुमार की वीरांगना के भाई देवेंद्र यादव ने बताया कि राजस्थान मोटर गैरेज विभाग की गाड़ी आई थी। वह बोले मेरे पीछे मंत्री जी बैठे हैं। और इसमें आप डीजल डालो। अगर आप डीजल नहीं डालोगे तो शहीद के नाम पंप है हम टर्मिनेट कर देंगे किसी और के नाम लाइसेंस कर देंगे।