नीमराणा में ज्वेलर से लूट के बाद तीनों राज्यों के संबंधित क्षेत्रों के पुलिस अधिकारियों की अलवर के खैरथल में संयुक्त बैठक हुई, जिसमें तीनों राज्यों की पुलिस का ज्वाइंट गु्रप बनाया गया। इससे पुलिस का मनोबल बढ़ा और पुलिस ने नीमराणा में ज्वेलर लूट की वारदात के केवल 80 घंटों में हरिया के खास गुर्गे अरुण को मार गिराया। इससे हरिया घबरा गया और उसे भी एनकाउंटर का डर सताने लगा। पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकारा कि अरुण की मौत के बाद वह इतना डर गया कि हर किसी से उसे जेल भेजने की कहने लगा।
खौफ फैलाना चाहता था, खुद खौफजदा हो गया पुलिस के अनुसार पवन उर्फ हरिया एक वारदात के बाद दुबारा उसी दुकान अथवा प्रतिष्ठान पर लूट करता था। ताकि उसका डर व खौफ पूरे क्षेत्र में फैल जाए और व्यापारी खुद ही उसे मंथली देना शुरू कर दें। वारदात के बाद वह भय फैलाने के लिए वह फायरिंग करते हुए निकलता था। इससे आमजन में भी उसका खौफ बना रहता था। लेकिन नीमराणा की वारदात के बाद जब पुलिस ने उस पर शिकंजा कसा तो खौफ फैलाने वाला खुद खौफजदा हो गया और जान बचाने के लिए लोगों से जेल भेजने की गुहार लगाने लगा।