बदमाश के व्यापारी की सुपारी लेने की आशंका सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फायरिंग की घटना के अगले दिन 13 अगस्त को डीग टाउन चौकी पर तैनात आरक्षी रामवीर सिंह को सेऊ के जंगल में एक काले रंग की बाइक खड़ी होने की सूचना मिली। इस पर रामवीर ने अपने उच्चाधिकारियों को सूचित किया। सूचना के आधार पर लावारिस खड़ी बाइक को पुलिस ने जब्त किया। बाइक के आधार पर ही इस घटना के तार जुड़ते चले गए। जो संभवतया इस घटना में काम में ली गई थी। उसी दिन डीग के व्यापारियों ने बाजार बंद रखकर धरना दिया था।
इस बीच में व्यापारी संतोष सोनी जिसकी दुकान पर फायरिंग की गई थी, उसके पास अलवर जेल से फोन आया और 20 लाख रुपए की मांग की। इस घटना से ऐसा लगता है कि उक्त व्यापारी को मारने के लिए अलवर जेल में बंद अपराधी को किसी व्यक्ति ने सुपारी दी है वो व्यक्ति हो सकता है डीग कस्बे का ही हो। यह तो पुलिस तफ्तीश में ही खुलासा हो सकेगा। लेकिन पुलिस की जांच में यह खुलासा हो चुका है कि अलवर जेल में बंद बदमाश ही इस पूरी गैंग का संचालन कर रहा था।
जेल से उसने कॉल किया था। टीम में सीओ डीग अनिल मीणा, डीग एसएचओ सत्यप्रकाश विश्नोई, डीग टाउन चौकी प्रभारी एएसआई बृजेन्द्र सिंह, आरक्षी अजब सिंह, लाखन सिंह, रामवीर सिंह, जीतेन्द्र, रामवीर सिंह, कॉल डिटेल एक्सपर्ट पवन कुमार, साइबर एक्सपर्ट प्रधान आरक्षी रामवीर सिंह एवं सीआईयू टीम प्रभारी एएसआई बलदेव शामिल रहे।