सुनीता (बदला हुआ नाम) का जन्म होते ही सामाजिक कुरीति के चलते उसकी मां ने थानागाजी इलाके के भीकमपुरा गांव के परिवार में रिश्ता करने की हामी भर ली थी। तकरीबन 18 साल पुराना यह वाकया ही अब सुनीता के गले की घंटी बन गया है। उसका कथित श्वसुर जातीय पंच होने के कारण दबंगों में गिना जाता है। चूंकि सुनीता बचपन के उस वादे से इतर अपनी पसंद से शादी करना चाहती है, इसलिए जैसे ही उसके कथित श्वसुर को पता चला तो उसने धमकियां देना शुरू कर दिया। यहां तक कि वह सुनीता का रिश्ता तय करने की कोशिशों की जानकारी होते ही लड़के वालों को धमका देता है कि वह उसकी बहू है और उससे शादी की बात सोचना भी महंगा पड़ेगा। इसके चलते सुनीता का रिश्ता नहीं हो पा रहा है।
सुनीता के परिजनों के अनुसार जन्म के समय की कुरीति के तहत लड़की की मां ने रिश्ते की मौखिक हामी भर ली थी। रिश्ते की स्वीकारोक्ति करने वाली मां भी चार वर्ष पूर्व चल बसी। अब लड़की बालिग है और वह उस मौखिक रिश्ते में नहीं बंधना चाहती। कथित श्वसुर की लगातार धमकियों से आजिज सुनीता ने समाज के पंच-पटेलों से कहा है कि अगर उसे मजबूर किया गया तो वह आत्मदाह कर लेगी। चूंकि उसका परिवार गरीब है, इसलिए प्रशासन तथा पुलिस के पास जाने से डरता है, इसके चलते समाज के पंच-पटेल भी सुनीता के पिता को धमका रहे हैं।