scriptकठुआ व उन्नाव की घटना के बाद सहमी अलवर शहर की बेटियां, पीडि़ताओं को न्याय दिलाने की उठी मांग | GIRLS DEMANDING JUSTICE FOR UNNAO AND KATHUA RAPE VICTIM | Patrika News

कठुआ व उन्नाव की घटना के बाद सहमी अलवर शहर की बेटियां, पीडि़ताओं को न्याय दिलाने की उठी मांग

locationअलवरPublished: Apr 17, 2018 09:22:19 am

Submitted by:

Prem Pathak

कठुआ व उन्नाव में रेप की घटनाओं के बाद अलवर की बेटियों में रोष है। वे आरोपितों को जल्द सजा देने की मांग कर रही हैं।

GIRLS DEMANDING JUSTICE FOR UNNAO AND KATHUA RAPE VICTIM
पहले निर्भया कांड और अब कठुआ व उन्नाव की घटनाओं ने देश भर के साथ शहर की महिलाओं एवं बेटियों को झकझोर दिया है। हर महिला की पीड़ा है कि बेटियों पर अत्याचार कब बंद होंगे।
घटना के बाद से ही आरोपितों को कठोर सजा की मांग उठ रही है। छोटी उम्र की बेटियों के साथ भी घिनौने कृत्य करने से लोग बाज नहीं आ रहे। यही कारण है कि महिलाएं हो बेटियां, सबकी एक ही मांग है कि दुष्कर्म मामलों में कठोर सजा का प्रावधान हो और पीडि़ता को त्वरित न्याय मिले।
दुष्कर्म की घटना के बाद कोर्ट, कचहरी में इतनी परेशानी होती है कि लोग न्याय मांगने ही नहीं जाते। इसलिए हमें अपनी सोच को बदलना होगा। सोच बदलेंगे तो समाज भी बदल जाएगा। कानून की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि फंासी देने तक स्थितियां बहुत बदल जाती हैं। अनिशा गुर्जर, बुर्जा
सरकार चाहे कितने भी कानून बना ले,लेकिन हकीकत आज भी यह है कि हमारी बेटियां न घर में सुरक्षित हंै और न बाहर। अभी तक आम आदमी ही दुष्कर्म जैसे अपराधों में लिप्त रहता था लेकिन अब बड़े- बड़े नेता भी इस घिनौने अपराध का हिस्सा बन रही है। राजनीति में ऐसे लोगों को तुरंत निष्कासित करना चाहिए ।
राखी जांगिड़, जालपीवास
दुष्कर्म के आरोपी को फंासी की सजा मिलनी चाहिए । चाहे वह नेता हो या फिर आम आदमी। लेकिन सवाल यह है कि जो नेता स्वयं इस तरह के अपराध कर रहे हैं वे कैसे समाज व देश को सुरक्षित रखेंगे। ये लोग कोशिश करते हैं कि घटना को राजनीति से जोड़ दिया जाए। नीतू यादव, चिकानी
लडक़ी छोटी हो या बड़ी, आदमी के लिए वह केवल उपभोग की वस्तु बन गई है। ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले लोगों को समाज से निष्कासित करना चाहिए। समाज के लोगों का दायित्व बनता है कि आसपास में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा करें।
निशा राजपूत, संजय नगर
निर्भया कांड के बाद लगा था कि कठोर कानून से इस तरह के अपराधों पर रोक लगेगी। लेकिन इसके बाद भी हर दिन किसी न किसी बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। इसका कारण यह है कि हम घटना के दिनों में आवाज उठाते हैं। बाकी दिन हम आम आदमी की तरह जीते हैं।
सोनम अरोड़ा, शिवाजी पार्क
दुष्कर्म के आरोपित की गिरफ्तारी में ही समय लग जाता है, ऐसे में दोषी को सजा मिलना बहुत ही मुश्किल होता है। यदि कोई मामला हाइलाइट होता है तो सबकी नजर उस पर रहती है। जबकि बहुत से मामलों में तो पीडि़ता का पुलिस में मामला ही दर्ज नहीं होता। उनको न्याय मिले इसका प्रयास होना चाहिए।
प्रिया जोनवाल, संजय कॉलोनी

ट्रेंडिंग वीडियो