scriptअलवर में जारी है गोरखधंधा, लीज सौ गज की, खनन हजार गज में | Gorakhdhandha continues in Alwar, lease hundred yards, mining in thous | Patrika News

अलवर में जारी है गोरखधंधा, लीज सौ गज की, खनन हजार गज में

locationअलवरPublished: Dec 03, 2019 10:42:06 pm

Submitted by:

Subhash Raj

अलवर. जिले की खनिज संपदा के अवैध दोहन से करोड़ों की कमाई का ही नतीजा है कि वैध लीजधारक भी अवैध खनन में पीछे नहीं है। अरावली पवर्तमाला का संरक्षित करने के लिए सरकार, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, सुप्रीम कोर्ट ने खूब आदेश दिए, लेकिन कम लागत में मोटी कमाई के खेल के आगे ये आदेश भी पस्त दिखाई दिए।

अलवर में जारी है गोरखधंधा, लीज सौ गज की, खनन हजार गज में

अलवर में जारी है गोरखधंधा, लीज सौ गज की, खनन हजार गज में

वैध खनन के नाम पर अवैध खनन के ताजा निशान अभी सरिस्का के समीपवर्ती बलदेवगढ़ में जिले की खनिज संपदा की बर्बादी कहानी खुद कहते दिखाई पड़ते हैं। अलवर जिला अवैध खनन के चलते कई दशक से देश भर में चर्चित रहा। जिले में वैध खानों की तुलना में कई गुना ज्यादा स्थानों पर अवैध खनन ने अरावली पर्वतमाला को चीर दिया। हरियाणा में खनन बंद होने या फिर बाद के समय में यहां अवैध खनन का गोरखधंधा थमने के बजाय बढ़ता ही गया। इतना जरूर कि समय-समय पर अवैध खनन के तरीके में बदलाव जरूर आया। खान माफिया ने अवैध खनन कर जिले की अरावली पर्वतमाला को लुप्त प्राय: स्थिति में पहुंचा दिया, वहीं लीजधारक भी अवैध खनन में पीछे नहीं रहे। लीजधारकों ने वैध लीज की सीमा में कम और बाहर राजस्व व सिवायचक भूमि पर खुलेआम खनन किया। जिम्मेदार विभाग भी वैध लीज की आड़ में अवैध खनन के इस गोरखधंधे को पनपता देखता रहा। नतीजा यह हुआ कि कई स्थानों पर वैध लीज स्थल के आसपास सरकारी जमीन पर अवैध खनन से बड़ी-बड़ी खाई बन गई, जिनमें पानी भरने से बेगुनाह लोगों व मूक जानवरों को जान गंवानी पड़ी है।
वैध लीज पर अवैध आसान और सुरक्षित तरीका है। इनमें पहला लीजधारक लीज के बजाय पास ही सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से खनन कर मलबे को सरकारी सिवायचक जमीन पर डालते हैं। मलबा डलने से सरकारी जमीन का उपयोग खत्म हो जाता है। वहीं खाई में भरे पानी को भी पम्प आदि से पास की सरकारी व सिवायचक जमीन पर डालते हैं। वहीं लीज के पास सरकारी जमीन पर खुदाई कर खनिज संपदा भी खूब निकाली गई। वैसे तो ज्यादातर लीज स्थलों पर ऐसे हालात दिखाई पड़ते हैं, लेकिन सरिस्का के समीपवर्ती टहला, बलदेवगढ़ सहित आसपास के क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा है।
ग्राम पंचायत बलदेवगढ़ की ओर से क्षेत्र के चालू खान के मालिकों को तीन बार नोटिस जारी कर 5 दिन में खनन का सरकारी जमीन से मलबा हटाने तथा जल दोहन रोकने के निर्देश दिए गए। ग्राम पंचायत के इन नोटिसों के बाद भी खान मालिकों ने अभी तक न तो अवैध मलबा हटाया और न ही पानी का दोहन रोका। क्षेत्रीय निवासियों ने इस समस्या से तहसीलदार, उपखंड अधिकारी, जिला कलक्टर, खनि अभियंता एवं अन्य अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो सका।
बलदेवगढ़ क्षेत्र में खान मालिकों की ओर से अवैध रूप से खनन कार्य करने की जांच के लिए खनिज विभाग के फोरमेन ने मौका निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि खनिज विभाग के अधिकारी ने भी खान संचालक के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खान मालिकों की ओर से खनन मलबे को अवैध तरीके से सरकारी व सिवायचक जमीन पर डालने से वहां घास व अन्य वनस्पति पूरी तरह नष्ट हो गई। अवैध जल दोहन से क्षेत्र में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया, जिससे क्षेत्र में पानी की समस्या बढ़ गई। अवैध मलबा डालने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा, जिससे बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रभावित हुए हैं।
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