गोशालाओं को दिया जा रहा है बजट
अलवर जिले में चलने वाली गोशालाओं को अनुदान देने का प्रावधान है। जिले में करीब 55 गोशाला हैं। इनमें से 33 गोशाला राज्य सरकार से अनुदान लेती हैं। इस साल इन गोशालाओं को 5 करोड़ 27 लाख 38 हजार 200 रुपए का अनुदान दिया जाना है। जिसमें 29 गोशालाओं को अनुदान राशि का भुगतान किया चुका है। शेष के लिए प्रक्रियाधीन है। जबकि 22 गोशालाओं का संचालन स्वयं के स्तर पर होता है।
अलवर जिले में चलने वाली गोशालाओं को अनुदान देने का प्रावधान है। जिले में करीब 55 गोशाला हैं। इनमें से 33 गोशाला राज्य सरकार से अनुदान लेती हैं। इस साल इन गोशालाओं को 5 करोड़ 27 लाख 38 हजार 200 रुपए का अनुदान दिया जाना है। जिसमें 29 गोशालाओं को अनुदान राशि का भुगतान किया चुका है। शेष के लिए प्रक्रियाधीन है। जबकि 22 गोशालाओं का संचालन स्वयं के स्तर पर होता है।
सरकार से मिलता है अनुदान
सरकार के नियमों के अनुसार 3 साल से छोटे उम्र के गोवंश को छोटे पशु माना जाता है। जबकि 3 साल व उससे बड़े पशु को बड़ा पशु कहा जाता है। छोटे पशुओं के लिए 20 रुपए व बड़े पशु के लिए 40 रुपए प्रतिदिन का खर्चा सरकार से अनुदान के लिए दिया जाता है। कम से कम गोशाला में 200 गोवंश होना आवश्यक है। उससे कम गोवंश होने पर सरकार अनुदान नहीं देती है।
सरकार के नियमों के अनुसार 3 साल से छोटे उम्र के गोवंश को छोटे पशु माना जाता है। जबकि 3 साल व उससे बड़े पशु को बड़ा पशु कहा जाता है। छोटे पशुओं के लिए 20 रुपए व बड़े पशु के लिए 40 रुपए प्रतिदिन का खर्चा सरकार से अनुदान के लिए दिया जाता है। कम से कम गोशाला में 200 गोवंश होना आवश्यक है। उससे कम गोवंश होने पर सरकार अनुदान नहीं देती है।