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राजस्थान में गरीबों की थाली से मिठास गायब, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप

locationअलवरPublished: Jan 05, 2018 01:18:30 pm

Submitted by:

Rajiv Goyal

राजस्थान में अब गरीबों की थाली से मिठास गायब गई है। सरकार ने बीपीएल धारकों को चीनी देना बंद कर दिया है।

government stop supply of sugar to bpl family
अलवर. कागजों में भले ही राज्य में लाखों गरीब परिवार हो, लेकिन सरकार उन्हें अमीरों के समकक्ष मान चुकी है। तभी तो सरकार ने बीपीएल परिवारों को हर माह मिलने वाला चीनी का वितरण बंद कर दिया है। इन परिवारों को अब बाजार से चीनी खरीद कर खानी पड़ेगी। उन्हें राशन दुकानों से चीनी का वितरण नहीं होगा। सरकार ने नए साल से बीपीएल परिवारों को प्रतिमाह मिलने वाली चीनी बंद कर दी है। पोस मशीनों से भी बीपीएल परिवारों को चीनी के वितरण का ऑप्शन हटा दिया गया है। नए साल में केवल अंत्योदय परिवारों को ही राशन दुकानों से लेवी चीनी का वितरण होगा। सरकार ने इनकी चीनी में भी कटौती की है। अब प्रत्येक अंत्योदय परिवार को हर माह राशन दुकानों से केवल एक किलो लेवी चीनी मिलेगी। जबकि पूर्व में इन्हें प्रति व्यक्ति 500 ग्राम के हिसाब से चीनी मिलती थी।
25 लाख 25 हजार परिवार होंगे प्रभावित

इस आदेश से प्रदेशभर में लगभग 25 लाख 25 हजार 256 बीपीएल परिवारों की थाली से मिठास गायब हो गई है। अलवर में भी अब करीब 83 हजार 334 बीपीएल परिवार चीनी से वंचित रह जाएंगे। बीपीएल परिवारों की थाली से मिठास गायब करने के सरकारी मंसूबे पूर्व में ही दिखने लगे थे। बीपीएल परिवारों को जुलाई 2017 में अन्तिम बार लेवी चीनी का वितरण हुआ। इसके बाद सरकार ने राशन दुकानों पर चीनी भेजना बंद कर दिया।
दीपावली पर सरकार को गरीबों की याद आई और सभी जिलों में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर शेष रहे स्टॉक से बीपीएल परिवारों को चीनी का वितरण किया गया। इस दौरान भी चंद बीपीएल परिवार को चीनी मिली। दरअसल, ज्यादातर क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर चीनी नहीं थी। जहां चीनी थी, वहां उस क्षेत्र से जुड़े उपभोक्ताओं का पहले नम्बर आया। इससे दूसरे क्षेत्रों के उपभोक्ता चीनी से वंचित रह गए।
अंत्योदय चीनी के वितरण पर भी संकट

बीपीएल परिवारों को चीनी का वितरण नहीं करने से अंत्योदय परिवारों की चीनी पर भी संकट मंडरा गया है। दरअसल, अंत्योदय परिवारों की संख्या बीपीएल से कम है। अलवर की बात करें तो यहां एक-एक राशन दुकान पर बामुश्किल 20-25 अंत्योदय कार्ड हैं। ऐसे में क्रय-विक्रय सहकारी समिति को प्रत्येक माह दुकानदारों को 20-25 किलो चीनी भेजना कठिन होगा। अलवर शहर में तो कई दुकानों पर केवल एक-दो अंत्योदय कार्ड हैं। ऐसे में ना दुकानदार चीनी लेने जाएगा और ना समिति चीनी पहुंचाने में रुचि दिखाएगी।
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