बच्चों की आवाज से गूंजा शिक्षा का मंदिर
ग्रीष्मावकाश के बाद एक बार फिर सोमवार को सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों की आवाज गूंजी। लंबे अवकाश के बाद बच्चे स्कूलों में पढऩे के लिए आए। सोमवार को सुबह जल्दी उठकर बच्चे तैयार होने लगे क्योंकि उनका इस नए शिक्षा-सत्र में स्कूल का पहला दिन था।

ग्रीष्मावकाश के बाद एक बार फिर सोमवार को सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों की आवाज गूंजी। लंबे अवकाश के बाद बच्चे स्कूलों में पढऩे के लिए आए।
सोमवार को सुबह जल्दी उठकर बच्चे तैयार होने लगे क्योंकि उनका इस नए शिक्षा-सत्र में स्कूल का पहला दिन था।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों में स्कूल के पहले दिन जाने का उत्साह था। कई स्कूलों में बच्चों ने रैली निकालकर अन्य बच्चों को सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए प्रेरित किया। पहले दिन बच्चों ने एक दूसरे का परिचय किया।
कॉलेज में बच्चों ने सेक्शन देखा-
जिले भर के सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कॉलेज निदेशालय ने सभी कॉलेजों में एक जुलाई से शिक्षण कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए थे। कला महाविद्यालय में बच्चे तो आए लेकिन वे पढ़ाई के लिए कक्षा में नहीं गए। जीडी कॉलेज की छात्राओं ने पहले दिन अपने सेक्शन देखा और कक्षा में जाकर आपस में बातचीत की। इस दिन बहुत सी छात्राएं व्याख्याताओं से मिली और कोर्स के बारे में जानकारी ली।
कई बच्चे मम्मी को छोडकऱ खूब रोए-
नए शिक्षा सत्र में पहले दिन बच्चे स्कूल जाते समय खूब रोए। कई स्कूलों में शिक्षिकाओं ने इन्हें बहुत मुश्किल से शांत करवाया तो बहुत समय बाद वे बहुत मुश्किल से चुप हुए।राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अलाहपुर में प्रवेश उत्सव के लिए रैली निकाली। शारीरिक शिक्षक यूशारीरिक शिक्षक यूनुस खान ने किया रैली का नेतृत्व ।रैली में स्टाफ सदस्य लक्ष्मी,ओमप्रकाश,जितेंद्र, ममता,सुमन बाला,नेहा , पूनम रानी,प्रिया, आकांक्षा ने भाग लिया स्द्वष् सदस्य भी साथ रहे।2जुलाई को होने वाली बाल सभा का स्थान भी चयन किया गया ।सभी ग्रामीणों से बाल सभा में भाग लेने के लिए कहा ।
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