अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना में उम्रदराज बाघिन एसटी-2 बीमार है। यह बाघिन मंगलवार को राजगढ़ वन क्षेत्र के कूंचा में रास्ते में बैठी दिखाई दी। सूचना मिलने पर सरिस्का के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और विभागीय उच्च अधिकारियों की अनुमति मिलने पर ट्रंक्यूलाइज कर बाघिन को पिंजरे में लेकर सरिस्का िस्थत नयापानी एनक्लोजर में छोड़ा गया।
सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि क्षेत्र निदेशक को सुबह करीब 8 बजे दूरभाष पर बाघिन एसटी-2 के कूंचा में रास्ते पर बीमार जैसी अवस्था में बैठी होने की सूचना मिली। बाघिन के दो- तीन घंटे तक कोई मूवमेंट नहीं करने की जानकारी मिली। इस पर सरिस्का के क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा, डीएफओ मौके पर पहुंचे और बाघिन की िस्थति को देखते हुए चिकित्सकों के दल को मौके पर बुलाया। उन्होंने ट्रंक्यूलाइज करने की उच्चाधिकारियों की अनुमति ली। सुबह करीब 11 बजे चिकित्सकों की टीम ने बाघिन के स्वास्थ्य का अवलोकन किया और सलाह दी कि वृद्धावस्था में होने के कारण बाघिन के पीछे के पैर कमजोर हो गए हैं तथा आगे के पांव में घाव भी होने की संभावना जताई। इस िस्थति में बाघिन का निश्चेतन कर सुरक्षित करनाकाबास एनक्लोजर में रखने की सलाह दी गई, जिससे बाघिन के स्वास्थ्य की सतत मॉनिटरिंग की जा सके। इसके बाद दोपहर 12.39 बजे बाघिन काे ट्रंक्यूलाइज किया गया एवं उसका उपचार कर पिंजरे में लिया गया। बाघिन एसटी-2 को कूंचा से सुरक्षित रूप से सरिस्का के नयापानी एनक्लोजर लाया गया और छोड़ने से पहले एनक्लोजर में पानी की व्यवस्था सहित सुविधाएं की जांच की। चिकित्सकों के दल ने बाघिन के स्वास्थ्य की जांच कर बाघिन को एनक्लोजर में छोड़ा गया।