साउथ-वेस्ट ब्लॉक का मामला भी एेसा ही शहर के साउथ-वेस्ट ब्लॉक में गुरुवार को एक गैस एजेन्सी के डम्पिंग यार्ड में रखे गैस सिलेण्डरों से बांसुरी लगाकर गैस चोरी का मामला भी कुछ एेसा ही था। यहां एजेन्सी के कर्मचारी सिलेण्डर पर लगी सील को उखाडक़र खाली सिलेण्डर में गैस भर रहे थे। जानकारों की मानें तो शहर में यह धंधा जोरों पर चल रहा है। गैस एजेन्सियों के नुमाइंदे भरे सिलेण्डरों की सील को बड़ी सफाई से उखाड़ प्रत्येक से दो-दो, तीन-तीन किलो गैस निकाल लेते हैं।
यह भी चल रहा खेल सिलेण्डरों की हेरा-फेरी का खेल कई एजेन्सियों पर उपभोक्ताओं की मदद से भी चल रहा है। दरअसल, गैस एजेन्सियों पर कई उपभोक्ता एेसे भी हैं, जिनके सालभर में 6 से 7 सिलेण्डर खर्च होते हैं। गैस एजेन्सी संचालक एेसे उपभोक्ताओं के बचे सिलेण्डरों को ब्लैक कर देते हैं। इसकी शिकायत खाते में सब्सिडी आने के चलते उपभोक्ता भी नहीं करता। वहीं, एजेन्सी संचालक की भी कमाई हो जाती है।
– व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर व्यवसायिक सिलेण्डर ही लगने चाहिए व्यवसायिक सिलेण्डरों पर जीएसटी अधिक है तो उसका कारण इनका व्यवसायिक उपयोग है। अलवर में यदि सिलेण्डरों से गैस चोरी हो रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी मिलेगा, कार्रवाई होगी।
अजय मीणा, विक्रय अधिकारी एचपी गैस