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अलवर

दसवीं में आधे बच्चे हो गए फेल, गांव वालों ने स्कूल पर जड़ा ताला

अलवर/अलवर ग्रामीण. राजकीय सीनियर माध्यमिक विद्यालय सिरमौली का बोर्ड दसवीं कक्षा का परीक्षा-परिणाम इस बार आधे से भी कम रहा। इस स्कूल में 10 वीं क्लास की 26 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी जिसमें 12 फेल हो गए, जबकि 2 पूरक आए हैं।

अलवरJun 25, 2022 / 01:14 am

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दसवीं में आधे बच्चे हो गए फेल, गांव वालों ने स्कूल पर जड़ा ताला

दसवीं में आधे बच्चे हो गए फेल, गांव वालों ने स्कूल पर जड़ा ताला


अधिकारी मौके पर पहुंचे
अलवर/अलवर ग्रामीण. राजकीय सीनियर माध्यमिक विद्यालय सिरमौली का बोर्ड दसवीं कक्षा का परीक्षा-परिणाम इस बार आधे से भी कम रहा। इस स्कूल में 10 वीं क्लास की 26 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी जिसमें 12 फेल हो गए, जबकि 2 पूरक आए हैं। वहीं स्कूल के सबसे होशियार विद्यार्थी ं के भी मात्र 51 प्रतिशत अंक ही आए हैं। इस परीक्षा परिणाम से गांव वालों का आक्रोश शुक्रवार को स्कूल खुलने के पहले दिन ही सामने आ गया। इस दिन गांव वालों ने स्कूल में मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और सामने ही धरने पर बैठ गए। स्कूल ङ्क्षप्रसीपल और स्टॉफ आया तो गांव वालों ने गेट के सामने सड़क पर उन्हें बैठाकर बातचीत की।
ङ्क्षप्रसीपल और कुछ शिक्षकों ने अनुशासन बिगाड़ दियो : विद्यालय विकास समिति के सदस्य अनवर हुसैन के नेतृत्व में सिरमौली गांव के अनेक ग्रामीण स्कूल के बाहर सड़क पर दरी बिछाकर सुबह से ही बैठ गए। सुबह साढ़े सात बजे स्कूल खुलने के समय ङ्क्षप्रसीपल बी. एल. मीणा और स्टाफ यहां पहुंचा तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। गांव वालों की मुख्य मांग थी कि जब तक ङ्क्षप्रसीपल और जिम्मेवार शिक्षकों का तबादला नहीं किया जाता, वे धरने से नहीं उठेंगे। स्कूल में चल रही तालाबंदी की सूचना मिलने पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओमशंकर यहां पहुंचे। गांव वालों ने आरोप लगाया कि ङ्क्षप्रसीपल सहित शिक्षक नरेन्द्र शर्मा, हेमंत, गुड्डी व अर्चना ने साल भर नहीं पढ़ाया। यहां आए इन अधिकारियों ने सड़क पर बैठकर वार्ता की।
ङ्क्षहदी में अधिकतर फेल : इस बार विद्यालय का बोर्ड परीक्षा परिणाम पूरी तरह खराब रहा। यहां हैरानी की बात यह रही कि ङ्क्षहदी शिक्षक की लापरवाही से अधिकतर बच्चे इस विषय में फेल हो गए और अंग्रजी व गणित में पास हो गए।
गांव वालों ने अधिकारियों को सुनाई खरी-खोटी
यहां तालाबंदी की सूचना पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पूनम गोयल गांव में पहुुंची। यहां ग्रामीणों ने उनके सामने ङ्क्षप्रसीपल और यहां के स्टाफ की शिकायत की। यहां 14 का स्टॉफ है जबकि अधिकतर बच्चे पढऩे ही नहीं आते हैं।
अच्छी पढ़ाई का आश्वासन, खोला ताला
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पूनम गोयल ने गांव वालों को समझाया और स्टाफ से सख्ती से सुधार को कहा। उनकी बातों से संतुष्ट होने के बाद गांव वालों ने अपना आंदोलन खत्म किया।
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