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इस बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान से दूरी बना रहे हैं हरियाणा के नेता, जानिए क्या है इसकी वजह

locationअलवरPublished: May 04, 2019 12:48:25 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, लेकिन हरियाणा के नेता राजस्थान मे प्रचार करने जरूर आते हैं, लेकिन इस बार वे दूरी बनाए हुए हैं।

Haryana Leaders Not Involving In Election Of Rajasthan

इस बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान से दूरी बना रहे हैं हरियाणा के नेता, जानिए क्या है इसकी वजह

अलवर. लोकसभा चुनाव में इस बार अलवर जिले में पड़ोसी राज्य हरियाणा के नेता नजर नहीं आ रहे हैं, जबकि हर चुनाव में अलवर जिले में हरियाणा के नेताओं की चुनाव प्रचार और वोटों के जोड़-तोड़ का गणित बैठाने में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
अलवर और हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र का आपस में रोटी-बेटी का रिश्ता है। आपस में रिश्तेदारियां होने से चुनावों में अलवर और हरियाणा दोनों एक-दूसरे पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। यही वजह है कि अलवर जिले में विधानसभा या लोकसभा चुनाव हो या फिर हरियाणा में। प्रमुख राजनीतिक दल अलवर और हरियाणा के बड़े नेताओं को एक-दूसरे के यहां चुनाव प्रचार के लिए भेजते हैं, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में अलवर जिले में ऐसा नजर नहीं आ रहा है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने भी हरियाणा के किसी भी बड़े नेता को यहां चुनाव प्रचार में नहीं लगाया है। वहीं, अलवर में बड़ी चुनावी सभाओं के मंच पर भी हरियाणा के बड़े नेता अब तक नजर नहीं आए हैं।
अलवर के छह दिन बाद हरियाणा में चुनाव

अलवर लोकसभा सीट पर 6 मई को चुनाव होंगे। इसके ठीक छह दिन बाद 12 मई को हरियाणा में लोकसभा चुनाव हैं। हरियाणा में भी चुनाव नजदीक होने के कारण वहां बड़े नेता अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। इसलिए वे अपने क्षेत्र को छोडकऱ अलवर में चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ रहे हैं।
अलवर के नेता हरियाणा में संभाल सकते हैं मोर्चा

भले ही हरियाणा के नेता अलवर जिले में चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ रहे हैं, लेकिन अलवर जिले के बड़े नेता हरियाणा के चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाल सकते हैं। इसके पीछे वजह है कि अलवर में 6 मई को मतदान हो जाएगा। इसके बाद यहां के नेता स्थानीय चुनावी भागदौड़ से मुक्त हो जाएंगे। ऐसे में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए हरियाणा सहित अन्य क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में लगाया जा सकता है।
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