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जनमाष्टमी को बारिश के बाद अलवर में हुए बाढ़ जैसे हालात, घरों में कैद हुए लोग

locationअलवरPublished: Sep 04, 2018 10:26:49 am

Submitted by:

Hiren Joshi

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Heavy Rain In Alwar On Janmashtami

जनमाष्टमी को बारिश के बाद अलवर में हुए बाढ़ जैसे हालात, घरों में कैद हुए लोग

अलवर. सावन में अलवर शहर बरसात के लिए पूरे माह तरसता रहा, लेकिन भादों की बरसात ने सबको राहत दिलाई है। सोमवार को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक अलवर शहर में सर्वाधिक बरसात दर्ज की गई। सिंचाई विभाग से मिले आंकडों के अनुसार अलवर शहर में एक ही दिन में 91 एमएम बरसात दर्ज की गई है। कोटकासिम, नीमराणा व थानागाजी में कोई बरसात दर्ज नहीं हुई। 1 जून से लेकर आज तक अलवर शहर में कुल 537 एमएम बारिश दर्ज की गई है। सिंचाई विभाग के अधीन 24 बांध संचालित है। इसमें से अभी तक मात्र 5 बांधों में ही पानी आया है। शेष बांध अभी तक खाली ही पड़े हुए हैं।
ड्रेनेज सिस्टम खत्म

इस बारिश ने अलवर शहर के ड्रेनेज सिस्टम को फेल नहीं पूरी तरह खत्म साबित कर दिया। गंदे नालों में कचरा अधिक है जो बारिश के पानी के साथ सडक़ों पर आ गया।
सडक़ बन गई दरिया

पुराने शहर की तरफ 91 मिमी बारिश होने के बाद जैसे ऊपर का पानी निचले हिस्से की तरफ आया तो कुछेक जगहों पर बाढ़ जैसे हाल हो गए। कई कॉलोनियों में लोग कई घण्टे तक घरों में कैद रहे। शहर में सोमवार दोपहर को कलक्ट्रेट की तरफ अच्छी बारिश हुई। कुछ देर बाद बारिश का पानी इतनी तेज आया कि पूरी सडक़ नालों में तब्दील हो गई। खासकर एसएमडी सर्किल, राजर्षि कॉलेज सर्किल, काली मोरी, सामान्य अस्पताल, स्टेशन रोड, अम्बेडकर नगर सहित आसपास की कॉलोनियों में घरों के भीतर तक पानी घुस आया। जिन रास्तों पर पहले कभी पानी नहीं रहा वहां भी पूरी सडक़ पानी से लबालब हो गई। राजर्षि कॉलेज वाले रोड पर कई फीट पानी आ गया। यह पानी फैंड्स कॉलोनी की तरफ निकला। जिसके कारण घरों तक पानी आ गया।
काली मोरी पुलिया के आसपास से रेलवे स्टेशन जाने वाली रोड जोहड़ में तब्दील हो गई। यहां सडक़ निर्माण के लिए रोड को पहले से खोदा हुआ है जिसके कारण पूरी रोड पर पानी लबालब हो गया। कई फीट खोदी सडक़ भी पानी से भर गई। इसी तरह राजर्षि कॉलेज से काली मोरी फाटक की तरफ पानी का बहाव सबसे तेज रहा। यहां नालों से कई गुना अधिक सडक़ों पर पानी बहता रहा। बहाव इतना तेज था कि कार व मोटरसाइकिल जैसे वाहन नहीं निकल सके। केवल बस व ट्रैक जैसे भारी वाहन ही निकल पाए। चारों तरफ की कॉलोनियों के लोगों के रास्ते रुक गए। घरों की चौखट तक पानी पहुंच गया।
हर बार यहां मशक्कत

हर बारिश के बाद शहर के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां पर जनता को जूझना ही पड़ता है। पानी की निकासी के लिए प्रशासन के प्रयास ही नहीं हो रहे हैं। सडक़ें भी टूटी पड़ी हैं। बारिश होने से कई जगहों पर सडक़ें धंस गई। जिनमें बड़ी संख्या में दुपहिया वाहन फंस गए। अनेक जगहों पर दुपहिया वाहन फंस गए।
शिवाजी पार्क के घरों में भरा पानी

शिवाजी पार्क रेलवे लाइन के पास स्थित नाले में पानी भरने से पानी निकलकर घरों तक पहुंच गया। लोगों ने मौके पर ही यूआईटी अधिकारियों को बुलाकर इसके समाधान की मांग की। बाबूलाल शर्मा व जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि शहर के नालों का पानी इसी नाले में आता है। नाला नीचा होने के कारण पानी बाहर आ गया। इससे घरों में काफी नुकसान हुआ है। यूआईटी के एक्सईन एके धींगडा एवं जेईएन नरेंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे और नाले की पैमाइश करने का आश्वासन दिया।
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