किशन कुंड की हाथों से सफाई की गई अरावली पहाड़ियों के ऊपरी भाग से कार्बनिक पदार्थ दशकों से किशन कुंड में धुल गए । जिससे पानी की गुणवत्ता तेजी से घट रही थी । लगभग 35 दिनों के समर्पित प्रयास के माध्यम से, किशन कुंड कोपूरी तरह से साफ कर दिया गया और सभी मलबे को साफ कर दिया गया। 5 पुनर्भरण कुओं को फिर से बनाया गया, दो चेक डैम की मरम्मत की गई और दीवारों का पुनर्निर्माण किया गया।
जीर्णोद्धार का सबसे चुनौतीपूर्ण काम हाथी कुंड के गहरे टैंक से गाद निकालना था। लगभग 18 फीट की गहराई तक हाथों से खुदाई की गई फिल्टर के माध्यम से सागर के पानी को किया साफ
सागर की सफाई उसमें उपस्थित पानी को बिना बाहर निकाले बिना की गई । मूसी रानी सागर के उत्तरी किनारे पर एक हाई-एंड डबल फिल्ट्रेशन- एरिएटर -वेटलैंड सिस्टम लगाया गया है। पाइप सिस्टम से स्थिर पानी को फिल्टर के माध्यम से पंप किया जाता है और वापस सागर में छोड़ दिया जाता है। फिल्टर से नियमित अंतराल पर निकास कीचड़ को हाथी कुंड से बाहर नए स्थापित उद्यान क्षेत्र में छोड़ दिया जाता है। इससे पानी की गुणवत्ता में लगभग 78% का सुधार हुआ है। शैवाल-काई, तैरता हुआ कचरा और जैविक कचरा सभी को पूरी तरह से हटा दिया गया है।पेंटिंग का कार्य करवाया
बुनियादी ढांचे की मरम्मत में साइड की दीवारों की मरम्मत और पेंटिंग शामिल थी। छतरियों के फर्श और साइड की सीढि़यों की मरम्मत भी की गई । सारे कार्य पूरे होने के बाद 22 मार्च 2022 को विश्व जलदिवस के अवसर पर आयोजित एक छोटे से समारोह में यह पुनरुद्धार किया हुआ । मूसी रानी , सागर अलवर के लोगों को समर्पित किया गया ।