इन प्राइवेट स्कूलों में कौन, कितने कर्मचारी हैं? और वे क्या-क्या काम करते हैं। उनकी कोई जानकारी का रिकार्ड संधारित तक नहीं किया जाता है। प्राइवेट स्कूलों में कार्य करने वाले शिक्षक, सहायक कर्मचारी, बच्चों को लाने- ले जाने का कार्य करने वाले चालक, परिचालक और अन्य कर्मचारियों का रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के कार्यालय में भी होनी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं होती है।
किस के भरोसे भेज रहे दूर पढऩे
जिले के कई प्राइवेट स्कूलों में पढऩे के लिए बच्चे 20 से अधिक किलोमीटर तक से प्रतिदिन बस और अन्य साधनों से आते हैं। अधिकतर प्राइवेट स्कूलों में ये बसे और अन्य वाहन ठेके पर चलाए जा रहे हैं।
ऐसे में इनमें कार्य करने वाले कर्मचारियों के बारे में स्कूलों को कोई जानकारी ही नहीं होती है। अच्छी शिक्षा दिलाने की होड़ अभिभावकों के लिए स्टेट्स सिम्बल बन गई है जबकि अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक मापदंडों का भी ध्यान नहीं रखते हैं। अधिकतर अभिभावक बस ड्राइवर और परिचालक तक का नाम तक नहीं जानते हैं।
जिले में गैर सरकारी स्कूल प्राथमिक-२२१, उच्च प्राथमिक ९३९, सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी स्कूल-९९२
सरकारी स्कूल प्राथमिक विद्यालय-१०१४ उच्च प्राथमिक- १०७७ सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी-७१२ सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे : ४ लाख २६ हजार ४३९
प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या : ५ लाख ८८ हजार ९३८