scriptअलवर शहर में चारों तरफ अंधेरा तो फिर क्यों न हो अपराध? | If there is darkness all around in the city of Alwar, then why is ther | Patrika News

अलवर शहर में चारों तरफ अंधेरा तो फिर क्यों न हो अपराध?

locationअलवरPublished: Jan 14, 2022 08:57:59 am

Submitted by:

Pradeep

शहर में कई इलाकों में रातभर बंद रहती रोडलाइटें

अलवर शहर में चारों तरफ अंधेरा तो फिर क्यों न हो अपराध?

अलवर शहर में चारों तरफ अंधेरा तो फिर क्यों न हो अपराध?

अलवर में तीन दिन पहले एक मूक-बधिर नाबालिग को गैंगरेप के बाद तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर फेंक दिया गया था। ऐसी संगीन घटनाओं के पीछे प्रशासन पूरा जिम्मेदार है। क्योंकि शहर की सडक़ों पर रातभर अंधेरा पसरा रहता है। ऐसे में अपराधी वारदातों को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं और पुलिस उनके पीछे लकीर पीटती रह जाती है।

अलवर शहर में हर मोड़ पर अंधेरा है। जिसके कारण हर मोड़ पर अपराधियों के आने का डर बना हुआ है। लोगों ने दुकानों और घरों में कैमरे रखे हैं, लेकिन अंधेरे में कैमरे भी सही तरीके से काम नहीं करते हैं। अलवर शहर में रोड लाइट को दुरूस्त रखने का जिम्मा नगर परिषद और यूआईटी का है, लेकिन दोनों ही एक-दूसरे पर दोष मढ देते हैं। अलवर शहर की अधिकतर कॉलोनियों में तो रोड लाइट जलती ही नहीं है। शहर के मुख्य बाजारों में ही रोड लाइटें नहीं जल रही है जिसके कारण आम आदमी परेशान है।

कोई वीआईपी आता है तो जल जाती है लाइटें
शहर में हालात यह बने हुए हैं कि कई जगह रोडलाइटें दिन-रात जली रहती हैं तो कई जगह रात में भी नहीं जलती हैं। यहां से कोई वीआईपी गुजरता है या फिर कोई वीआईपी का कार्यक्रम होता है तो रोडलाइटें जल जाती हैं। वीआईपी के कार्यक्रम के एक-दो दिन बाद यहां फिर से अंधेरा छा जाता है।

वहीं, शहर के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के सरकारी आवासों के आसपास तो रोडलाइटें रातभर जलती हैं और आम जनता की राह अंधेरे में डूबी नजर आती है। वीआईपी के कार्यक्रम के एक-दो दिन बाद यहां फिर से अंधेरा छा जाता है। वहीं, शहर के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के सरकारी आवासों के आसपास तो रोडलाइटें रातभर जलती हैं और आम जनता की राह अंधेरे में डूबी नजर आती है।

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