पिनान कस्बे से दिल्ली-वडोदरा सुपर एक्सप्रेस-वे हाइवे निकलने के बाद मानो भूमाफियों को वरदान सा मिल गया हो। यहां भूमाफिया किसानों की उपजाऊ जमीन को खरीद कर अवैध प्लाटिंग कर आबादी में तब्दील करने लगे हैं। गैर मुमकीन खेती की जमीन में प्लॉटिंग कर दुकान व मकान महंगे दामों में बेचान कर रहे हैं। भूमाफिया सरकार की सिंचाई योजना में बनी नहर को कांट कर रास्ता चौड़ा करने में कामयाब हो रहे हैं।राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व 132 केवी जीएस एस के मध्य होकर प्यारे जाट की ढाणी के लिए जा रही सार्वजानिक निर्माण विभाग की सड़क के साथ निकल रही तीसरे नंबर की नहर को कांटकर भूमाफियों ने सड़क मार्ग को चौड़ा कर लिया नहर को नाला बना दिया।
अधिकतर कस्बों के बाहर बन रही कॉलोनियां-अलवर जिले के अधिकतर कस्बों के बाहर अवैध कॉलोनियां निरंतर बस रही है। नीमराणा व बहरोड़ क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग पुरानी बात हो गई है। अलवर जिले के बडौदामेव कस्बे में कई साल पहले से अवैध कॉलोनियां बस रही है जिनमें सैकड़ों की संख्या में मकान बन रहे हैं। इसी प्रकार खैरथल, किशनगढ़बास सहित सभी कस्बों में इस तरह की अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं जिनको रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन की कोई रुचि नहीं है। इस बारे में राजस्व कर्मचारियों तक की मिलीभगत होती है।
बारा भडकोल में ही काट रहे प्लाॅट-मालाखेड़ा के समीपवर्ती गांव बारा भडकोल में सैकड़ों की संख्या में अवैध प्लाटिंग हो रही है।यहां प्लाटिंग के लिए काफी खेती वाली जमीन खरीदी गई है जिस पर पानी की पाइप तक डाले गए हैं। यहां काफी समय से इस प्लाटिंग का कारोबार चल रहा है।
मालाखेड़ा क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का जोर-अलवर ग्रामीण के मालाखेड़ा तहसील क्षेत्र में कृषि भूमि पर बिना कन्वर्जन के भू माफिया अवैध रूप से प्लॉटिंग कर सरकार को हजारों रुपए रोजना का चूना लगा रहे हैं ।
कृषि भूमि का एग्रीमेंट लिखवा कर भू माफिया और प्लॉट काटने वाले लोग बिना कन्वर्जन करवाइए ही प्लॉट का कार्य कर रहे हैं। यहां सरकार को पंजीयन करने से मिलने वाली आए समाप्त हो रही है ।अलवर के समीपवर्ती ही भूगोर, बुर्जा, दादर, महुआ, सोहनपुर, कलसाडा, मालाखेड़ा , सुमेल ,बिजवाड़ नरूका ,पृथ्वीपुरा रोड, मुंडिया, श्याम गंगा अहीर का तिबारा , हजारा , बारा भडकोल पर अवैध रूप से कृषि की जमीन खरीद-फरोख्त कर उस पर प्लॉटिंग की जा रही है। इस बाबत मालाखेड़ा प्रधान वीरवती को भी क्षेत्र के लोगों ने शिकायत की है और सरकार को होने वाले नुकसान से बचाने की अपील की है। इसमें यहां के राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है।