scriptराजस्थान के इस बांध की 125 बीघा जमीन प रअवैध रूप से बस गई बस्ती, प्रशासन ने भी दिया था साथ | Illegal Colonies At Prem Ratnakar Dam Alwar | Patrika News
अलवर

राजस्थान के इस बांध की 125 बीघा जमीन प रअवैध रूप से बस गई बस्ती, प्रशासन ने भी दिया था साथ

https://www.patrika.com/alwar-news/

अलवरAug 28, 2018 / 11:51 am

Hiren Joshi

Illegal Colonies At Prem Ratnakar Dam Alwar

राजस्थान के इस बांध की 125 बीघा जमीन परअवैध रूप से बस गई बस्ती, प्रशासन ने भी दिया था साथ

अलवर. मास्टर प्लान 2031 के मुताबिक अलवर शहर से लगते प्रेम रत्नाकर बांध भराव क्षेत्र की करीब 100 से 125 बीघा जमीन पर मकान बन गए हैं। शेष करीब 90 हैक्टेयर जमीन में भी बीच-बीच में बड़ी चारदीवारी बना दी गई है।
यही नहीं बांध में पहाड़ों से आने वाले पानी के रास्तों पर भी निर्माण हो गए हैं जिसके कारण बांध का अस्तित्व संकट में है। लेकिन जब कभी कुदरत का कहर होगा आफत जनता को झेलनी पड़ सकती है। अब तो अधिकारी साफ कह रहे हैं कि करीब करीब आधे बांध की जमीन पर निर्माण हो चुका है। इधर, बांध को लेकर किया गया सर्वे पूरा हो गया है। जीटी सर्वे से मिलान के आधार पर बांध में हुआ निर्माण चिह्नित किए जाने की तैयारी हैं।
1955 का रिकॉर्ड नहीं

असलियत यह है कि 1955 के रिकॉर्ड के आधार पर बांध भराव क्षेत्र चिह्नित किया जाना है लेकिन उस समय का प्रशासन के पास कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। इस कारण अब जीटी शीट से मिलान के आधार पर भराव क्षेत्र चिह्नित करने की बात कही जा रही है जबकि तीन साल पहले यूआईटी ने भराव क्षेत्र तय कर नक्शे भी सार्वजनिक कर दिए थे। उसके बाद अब नए सिरे से सर्वे कराया जा रहा है जिसमें मास्टर प्लान को आधार माना गया है।
कटी घाटी की तरफ वाले नाले पर अतिक्रमण

कटी घाटी की तरफ से आने वाले नाले पर भी अतिक्रमण हो रहा है। यहां से बारिश में पहाड़ों का पानी आता है जो सीधा बांध में पहुंचता है। कुछ वर्षों से यहां बीच-बीच में अतिक्रमण हो गया। बहाव क्षेत्र के रास्ते नहीं खुलेंगे तब तक पानी बांध में नहीं पहुंच पाएगा।
पहले पट्टे देकर निरस्त किए

वर्ष 2012 में यूआईटी ने गलती से प्रेम रत्नाकर बांध भराव क्षेत्र में बने कुछ मकानों के पट्टे जारी कर दिए थे जिनको बाद में निरस्त करना पड़ा। उसके बाद यूआईटी भराव क्षेत्र में कुछ जगहों पर सावचेत करने के बोर्ड भी लगाए लेकिन, कुछ दिन बाद ही उनको उखाड़ दिया गया। उसके बाद प्रशासन सुस्त हो गया और भूमाफिया वापस सक्रिय हो गया। इतना सब कुछ होने के बाद भूखण्डों का बेचान होता रहा।
90 हैक्टेयर भराव क्षेत्र

हाल के सर्वे में करीब करीब 90 हैक्टेयर जमीन भराव क्षेत्र मिला है। मास्टर प्लान के अनुसार भराव क्षेत्र करीब 120 हैक्टेयर है। अब जीटीशीट से मार्क किया जाएगा। उसके बाद पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी।
राजेश वर्मा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, अलवर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो