सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकार को बार-बार फटकार पडऩे के बाद दिन में जरूर कुछ अवैध खनन कम हुआ है लेकिन, अब रात्रि को अवैध खनन ज्यादा होने लग गया। रात को पहाड़ों से अवैध खनन का पत्थर सप्लाई होता है। बहुत सी जगहों पर तो पहाड़ों के आगे कच्चा-पक्का निर्माण कर लिया और पीछे की तरफ अवैध खनन होता है। ताकि बाहर से किसी को अवैध खनन होता नजर नहीं आए। आगे पक्का निर्माण होने के बाद पीछे रात भर पहाड़ में ब्लास्टिंग और जेसीबी चलती हैं। अन्दर परिसर से ही पत्थरों से भरे डम्पर व ट्रैक्टर भरकर निकलते हैं।
जिले में खनन विभाग के जरिए अवैध खनन पर लगाम लगना संभव नहीं लग रहा। विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। जिसके कारण रात्रि को तो दूर दिन में भी विभाग गांवों में जाकर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने से बचता है। अलवर शहर के निकट हो रहे अवैध खनन पर विभाग के अधिकारियों ने साफ कहा कि पुलिस-प्रशासन का सहयोग मिलने पर ही गांव में जाकर कार्रवाई की जा सकती है। वरना खनन माफिया आक्रमण करता है। ऐसा पहले हो चुका है। सरकार और विभाग की ढिलाई के कारण अवैध खनन बराबर जारी है।
राजस्थान पत्रिका में शनिवार को ‘हनुमानजी नहीं, माफिया उठा रहे पहाड़Ó शीर्षक से अवैध खनन की रात्रि की तस्वीर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके कारण रविवार को जटियाना सहित आसपास के पहाड़ों में अवैध खनन नजर नहीं आया। माफिया मौके से अपनी जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्रॉली दूर ले गए। जिसका असर अन्य जगहों के अवैध खनन पर भी पड़ा है। लेकिन, स्थाई रूप से अवैध खनन तो विभाग व प्रशासन की सख्ती से ही रुक सकेगा।