scriptअरावली की पहाडिय़ों को अवैध खनन से लगातार किया जा रहा है छलनी, खनन से बदल गया पहाडिय़ों का स्वरूप | Illegal Mining In Aravali Hills In Alwar | Patrika News

अरावली की पहाडिय़ों को अवैध खनन से लगातार किया जा रहा है छलनी, खनन से बदल गया पहाडिय़ों का स्वरूप

locationअलवरPublished: Oct 12, 2019 03:36:07 pm

Submitted by:

Lubhavan

Illegal Mining In Aravali Mountains : अरावली की पहाडिय़ों का स्वरूप बदल गया है, लेकिन रेकॉर्ड में सब ठीक बताया जा रहा है।

Illegal Mining In Aravali Hills In Alwar

अरावली की पहाडिय़ों को अवैध खनन से लगातार किया जा रहा है छलनी, खनन से बदल गया पहाडिय़ों का स्वरूप

अलवर. अवैध खनन ने जिले के ज्यादातर पहाडिय़ों का स्वरूप बदल दिया, लेकिन राजस्व रेकॉर्ड में सब कुछ ठीक है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिले के ज्यादातर पहाड़, राडा, नदी, नालों, तालाब, पोखर, बांघों का स्वरूप 1954 के बाद पूरा बदल गया, लेकिन समय पर कार्रवाई के अभाव में रेकॉर्ड में उनका मूल स्वरूप अब भी वही दिखा रखा है।
अलवर जिले में अवैध खनन के चलते अरावली पवर्तमाला की करीब 31 पहाडिय़ा गुम हो गई। सैंकड़ों पहाड़ी व राडा कट कर बदरंग हो गए। थानागाजी क्षेत्र के अंगारी गांव में भैरू की डूंगरी को कुछ लोगों ने काटकर पहाड़ी (राडा) लंबा-चौड़ा समतल मैदान बना दिया, लेकिन रेकॉर्ड में इस राडा का स्वरूप वही पुराना बरकरार है। जबकि मौके पर पहाड़ी पर समतल मैदान दूर से ही दिखाई पड़ता है। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के बाद भी पहाड़ी काटने के दोषी लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका मूल कारण राजस्व रेकॉर्ड में पहाड़ी काटना ही दर्ज नहीं हो पाना रहा।
यूं चलता है रेकॉर्ड में सब कुछ ठीक

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना कराने की जिम्मेदारी सम्बन्धित ग्राम पंचायत, राजस्व विभाग, खनन विभाग, प्रशासन व पुलिस सहित कई विभागों की है। इसके बावजूद पहाड़ी, राडा, बांंध, तालाब, पोखर, नदी, नालों आदि में अवैध गतिविधियां जारी होने से उनका मूल स्वरूप बदल रहा है, लेकिन न तो ग्राम पंचायत और न ही राजस्व विभाग के पटवारी व अन्य कर्मचारियों की ओर से इन अवैध गतिविधियों का इंद्राज सरकारी रेकॉर्ड में किया जाता है। इस कारण जब भी प्राकृतिक संसाधनों के 1954 के मूल स्वरूप में बदलाव नहीं करने के आदेश के उल्लंघन की बात होती है तो सरकारी रेकॉर्ड पेश कर दिया जाता है। जिसमें सब कुछ नियमानुसार मिलता है। इससे दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती।
जरख डूंगरी पर बन गए पक्के मकान

जिला मुख्यालय के समीप स्थित अकबरपुर में राजस्व विभाग की पहाड़ी जरख डूंगरी के नाम से है। यहां प्रतिदिन हो रहे अवैध कब्जों से पहाड़ी का मूल स्वरूप बदल गया। इतना ही नहीं सरकारी पहाड़ी होने के बाद भी यहां लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकानों का निर्माण कर लिया। इस पहाड़ी पर इन दिनों खुलेआम मकान का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़ी पर अतिक्रमण के निशां दूर से ही दिखाई पड़ते हैं, फिर भी रेकॉर्ड में यहां सब कुछ ठीक दिखा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर हुआ तो सिर्फ इतना कि शिकायतकर्ता की शिकायत राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर डाल दी गई। पहाड़ी पर मकान निर्माण नहीं रुका फिर भी सम्पर्क पोर्टल शिकायतकर्ता से कार्रवाई को लेकर संतुष्ट होने का प्रमाण पत्र चाह रहा है।
एडीओ व एमई से मांगी तत्थात्मक रिपोर्ट

थानागाजी क्षेत्र के अंगारी गांव में भैरू की डूंगरी को काटकर समतल करने के मामले में जिला कलक्टर ने थानागाजी के उपखंड अधिकारी व खनन विभाग के खनि अभियंता से मामले की तत्थात्मक रिपोर्ट मांगी है। दोनों अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भगवतसिंह देवल, अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय अलवर ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो