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इस जिले में तो गौतस्करी रूकने का नाम ही नहीं ले रही है

locationअलवरPublished: Dec 06, 2017 04:31:52 pm

Submitted by:

Rajiv Goyal

चौकियां खोली, फिर भी नहीं रूकी गोतस्करी दिन प्रतिदिन बिगड रहे है हालात, शहरी क्षेत्र में गोतस्करी से घर में बंधी गाय भी नहीं रही सुरक्षित

increasing cow smuggling in mewat area
गोतस्करों के टारगेट पर अब शहरी इलाका

जिले में गोतस्करी रोकने के लिए सरकार ने गोरक्षा चौकियां तो खेल दी। लेकिन गोतस्करी पर रोक लगाना पुलिस के लिए अब भी चुनौती बना हुआ है। पुलिस की सतर्कता के बाद गोतस्करों ने भी अपना मार्ग बदल लिया है। अब गोतस्कर ग्रामीण क्षेत्रों की जगह शहरी इलाकों को अपना निशााना बना रहे है। ताजा उदाहरण कोतवाली थाना क्षेत्र में एक के बाद एक गोतस्करी की वारदातों का होना है।इनमें से कुछ में गोतस्करी के साक्ष्य भी मिले है। दरअसल, शहरी क्षेत्रों में आवारा गायों की समस्या काफी ज्यादा है। इसने गोतस्करों का काम आसान कर दिया है। गोतस्कर रात्रि के अंधेरे में आते है और गोवंश को जबरन गाडिय़ों में भरकर ले जाते है। शहरी क्षेत्रों में ज्यादा विरोध नहीं होने से इनका काम आसान हो जाता है। शहर के एनईबी क्षेत्र में घर से भी गाय को खोलकर ले जाने के मामले सामने आए है।
विदेशों तक जुड़े है तार

गोतस्करों के तार दूसरे राज्यों सहित विदेशों से जुड़े हुए है। ज्यादातर ये गोवंश को हरियाणा लेकर जाते है। पिछले दिनों रामगढ़ में पुलिस गिरफ्त में आए गोतस्करों ने गोवंश को ज्यादातर हरियाणा के कोट ऊटावड़ा में ले जाना बताया।

ये बनाई चौकियां
गोतस्करी रोकने के लिए पुलिस ने बॉर्डर एरिया में छह चौकियां स्थापित की है। इनमें चिकानी,नटनी का बारा, नसवाडी रोड (गोविन्दगढ़), अमलाकी (भिवाड़ी) ,जैरोली (तिजारा) व अलावड़ा(रामगढ़) में गोरक्षा चौकियां शामिल है।

नए रास्ते किए इजाद
गोरक्षा चौकियां खुलने के बाद गोतस्करों ने भी अपना रूट बदल लिया है। अब वे जहां-जहां चौकियां है,उनकी जगह दूसरे रास्तों से शहर में प्रवेश करते हैं। पुलिस से बचने के लिए भी इनका अपना नेटवर्क हंै। गोतस्करों से करीब एक-दो किलोमीटर आगे इनका दूसरा वाहन चलता है, जो रास्ते में पुलिस के होने अथवा नहीं होने की सूचना देता रहता है। पुलिस के होने की सूचना पर गोतस्कर तुरन्त अपना मार्ग बदल लेते है। गोतस्करों के रास्ते में रूकावट बनने वाले स्थानीय लोगों को भी निशाना बनाने में ये नहीं चूकते है। इस तरह की कई वारदातें हो चुकी है।

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