डिब्बे में कई बार मिल चुका है सामान कुछ माह पहले अलवर में ट्रेन के डिब्बों के अंदर शौचालय में प्लाइवुड के अंदर की तरफ शराब की बोतल रखी हुई मिली थी। इसके अलावा कई बार सीट के नीचे की तरफ लावारिस बैग रखे हुए भी मिल चुके हैं। दरअसल अपराधी सामान्य डिब्बों की सीट के नीचे की तरफ बैग रखकर चले जाते हैं। उस बैक की सूचना अपने अन्य साथी को दे देते हैं। ट्रेन जैसे ही वहां पहुंचती है, वह व्यक्ति आकर आसानी से बैग निकाल कर ले जाता है। ऐसे कार्य में कोई परेशानी भी नहीं होती है। क्योंकि सामान्य डिब्बों की कभी जांच नहीं होती है।
बॉक्स ले जाने के 100 रुपए मांगे, 50 में हो गया तैयार अलवर से दिल्ली की तरफ जाने वाली आला हजरत बरेली एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच के अटेंडेंट को एक बॉक्स दिया। अटेंडेंट ने बॉक्स को अलवर से रेवाड़ी पहुंचाने के पहले 100 रुपए मांगे, कुछ देर बाद वह 50 रुपए में बॉक्स ले जाने को तैयार हो गया। अटेंडेंट ने कहा, मेरा नम्बर ले लो और रेवाड़ी स्टेशन पर जिस को बॉक्स लेना है वह फोन कर लेगा। हालांकि घटनाक्रम को कैमरे में कैद होता देख अटेंडेंट घबरा गया और ट्रेन के अंदर मौजूद साथी के कहने पर उसने बॉक्स व पैसे बाद में प्लेट फार्म पर फेंक दिए। यह तो रेलवे में अवैध तरीके से लगेज ले जाने की एक बानगी मात्र है। ऐसे नजारे अलवर स्टेशन पर प्राय: देखने को मिलते हैं।
जंक्शन पर नहीं है बैग स्केनर जयपुर व दिल्ली जैसे स्टेशनों को छोडक़र अन्य स्टेशनों पर बैग स्केनर नहीं है। एेसे में यात्री बैग में कोई भी सामान लेकर जा सकता है। गरीब रथ व अन्य एसी श्रेणी के डिब्बों में एक बार बैठने के बाद सामान व यात्री की कोई जांच नहीं होती है।