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मत्स्य विश्वविद्यालय में भर्ती के मामले में जांच तेज, बयान हुए

locationअलवरPublished: Feb 19, 2020 01:53:30 am

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Kailash

मत्स्य विश्वविद्यालय में भर्ती के मामले में जांच तेज, बयान हुए

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मत्स्य विश्वविद्यालय में भर्ती के मामले में जांच तेज, बयान हुए,मत्स्य विश्वविद्यालय में भर्ती के मामले में जांच तेज, बयान हुए


अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में हुई भर्ती के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायतकर्ता के बयान हुए। ब्यूरो कार्यालय में मुख्य शिकायतकर्ता विष्णू चावड़ा ने भर्ती में हुई अनियमितताओं से सम्बन्धित दस्तावेज सौंपे। इन्होंने ब्यूरो को विश्वविद्यालय के अधिकारियों के रिश्तेदारों की नौकरी लगने के प्रमाण भी दिए।
इस मामले में विश्वविद्यालय ने ब्यूरो की ओर से भेजी गई जानकारी अभी तक नहीं दी है। विश्वविद्यालय में एलडीसी और सहायक कर्मचारियों की भर्ती के मामले में ब्यूरो ने इससे सम्बन्धित पत्रावली सहित अन्य जानकारी चाही थी। इसी मामले की जांच कुलाधिपति और राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी दिए थे जिसकी जांच सम्भागीय आयुक्त कर रहे हैं। सम्भागीय आयुक्त इस सम्बन्ध में शीघ्र ही जांच करने अलवर आएंगे और सम्बन्धित लोगों से बयान दर्ज करेंगे। इसी प्रकरण की शिकायत छात्र नेता चेतन शर्मा ने भी मुख्यमंत्री के गोविन्दगढ़ आगमन पर उन्हें की थी जिसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने राजभवन को लिखा था। इसकी प्रथम दृष्टया रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्कालीन जिला कलक्टर से मांगी थी जो राज्य सरकार को भेजी गई थी। विश्वविद्यालय में भर्ती को लेकर प्रारम्भ से सवाल उठते रहे हैं जिसकी जांच के घेरे में तत्कालीन कुलपति डॉ. भरत सिंह, तत्कालीन कुल सचिव, वित्त नियंत्रक और भर्ती अधिकारी हैं जिनसे ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ करेंगे।
न किराएदारों का वैरिफिकेशन और न ही सुरक्षा इंतजाम
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
श्चड्डह्लह्म्द्बद्मड्ड.ष्शद्व
अलवर. जिले में किराएदारों का पुलिस वैरिफिकेशन न होना अपराध का बड़ा कारण है। अपनाघर शालीमार सहित जिले की आवासीय सोसायटी, कॉलोनी व मोहल्लों में हजारों लोग किराएदार हैं, लेकिन पुलिस उनका वैरिफिकेशन तक नहीं करती है। आवासीय सोसायटियों में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम भी नहीं हैं। जिसके कारण इनमें चोरी, झगड़े, मारपीट और छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार हो रही हैं। शहर में भी जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तब पुलिस को किराएदारों के वैरिफिकेशन की याद आती है और फिर अपराधियों की तलाश में पुलिस डोर-टू-डोर सर्वे शुरू करती है।
न पुलिस गश्त और न ही गेट पर चैकिंग
अपनाघर शालीमार सोसायटी के लोगों का कहना है कि सोसायटी में पुलिस की गश्त नहीं लगती है। जबकि यहां शाम होते ही कई संदिग्ध और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग घूमते नजर आते हैं। पुलिस यहां तब ही आती है जब कोई घटना हो जाती है। वहीं, सोसायटी के मुख्य गेटों पर गार्ड तो बैठे हैं, लेकिन वह सोसायटी में आने-जाने वालों पर ज्यादा नजर नहीं रखते हैं। कोई भी व्यक्ति बेरोक-टोक सोसायटी आ-जा सकता है। मंगलवार को पत्रिका टीम ने सोसायटी के मुख्य गेट के समीप खड़े होकर काफी देर तक सोसायटी के सुरक्षा इंतजामों को जांचा। इस दौरान कई लोग दुपहिया वाहनों से सोसायटी के अंदर घुसे, लेकिन गार्ड से किसी को भी रोककर पूछताछ नहीं की। वहीं, इंजीनियर संतोष शर्मा की हत्या के बाद सोसायटी प्रबंधन ने घटनास्थल के पास एक गुमटी बनाकर गार्ड तैनात कर दिया है।
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