झारखण्ड के दुमका जिले की रहने वाली एक युवती अलवर में प्रगतिशील महिला समिति के पास पहुंची। युवती ने बताया कि डेढ़ माह पहले वह अपने मामा- मामी के साथ नौकरी के लिए घर से निकली थी। पटना स्टेशन पर वह मामा मामी से अलग हो गई और दिल्ली की ट्रेन में बैठ गई। दिल्ली स्टेशन स्टेशन पर मिली एक महिला उसे अपने साथ ले गई। तीन दिन बाद उसने उसी गांव की महिला को सौंप दिया। उस महिला ने मुझे अलवर के खेतड़ी गांव में एक लाख रुपए में बेच दिया। उन लोगों ने एक माह मुझे अपने पास रखा और एक कमरे में बंद कर दिया। प्रतिदिन मुझे जान से मारने की धमकी देते थे व डण्डो से पीटते थे। पिटाई के चलते युवती के दो बार खुन की उल्टी तक हो गई।
शाहजहांपुर थाना पुलिस ने गत 13 मई को युवती को लावारिस हालत में घूमते हुए पकड़ कर समिति के हवाले किया। प्रगतिशील महिला समिति की तरफ से संचालित महिला स्वावलम्बन केंद्र की शची आर्य ने बताया कि युवती खासी डरी हुई थी। इसलिए उससे तीन दिन तक बात नहीं की गई। बाद में बातचीत की, लेकिन भाषा समझने में परेशानी हुई। युवती ने अपने हाथ से लिखकर एक पत्र लिखा। उसमें पूरी घटना के बारे में बताया। इसकी सूचना झारखण्ड पुलिस को दी गई है । युवती को अलवर पुलिस अधीक्षक के सामने पेश किया जाएगा। उसके बाद युवती का मेडिकल कराया जाएगा।