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सफलता: मां ने सिलाई से पैसे जोडकऱ बेटे को इंजीनियर बनाया, 24 वर्षीय जिमी ने सात समुद्र पार खड़ी की ट्रांसपोर्ट कंपनी

locationअलवरPublished: Jan 12, 2022 07:00:36 pm

Submitted by:

Lubhavan

जिमी 24 साल की उम्र में अमरीका के कैलिफॉर्निया में ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते हैं। वे इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की तलाश में अमरीका चले गए।

Jimmi Sharma Of Alwar Make Transport Company In America

सफलता: मां ने सिलाई से पैसे जोडकऱ बेटे को इंजीनियर बनाया, 24 वर्षीय जिमी ने सात समुद्र पार खड़ी की ट्रांसपोर्ट कंपनी

अलवर. संघर्ष सबके जीवन में है। मुश्किलों में कोई बिखर जाता है तो कोई मजबूत हौसलों से निखर जाता है। अलवर जिले के मुंडावर पंचायत समिति के गांव रसगन के एक परिवार ने मुश्किलों के सामने हार नहीं मानी। बेटे को पढ़ा-लिखाकर इंजीनियर बनाया। बेटे ने 24 साल की उम्र में सात समुद्र पार ट्रांसपोर्ट कंपनी खड़ी कर दी।
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हम बात कर रहे हैं मुंडावर पंचायत समिति के गांव रसगन निवासी 24 वर्षीय जिमी शर्मा की। जिमी 24 साल की उम्र में अमरीका के कैलिफॉर्निया में ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते हैं। वे इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की तलाश में अमरीका चले गए। लेकिन उधर स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का सोचा । वहीं पर ही ट्रक चलाना सीखा। कुछ माह बाद पैसे उधार लेकर ट्रक खरीदा। अब उन्होंने अमरीका में ट्रांसपोर्ट कंपनी खड़ी कर दी है। वे स्वयं भी ट्रक चलाते हैं। भारतीय मूल्यों में ट्रक की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए है।
परिवार अलग हुआ तब केवल एक किलो आटा था

28 साल पहले परिजनों ने जिमी के माता-पिता को एक किलो आटा देकर अलग किया था। इसके बाद वे एक कमरे में रहने लगे। जिमी की मां उषा ने सिलाई का काम शुरू किया। सिलाई के काम से ही उनका घर चलता। बाद में उनके पिता सुभाष शर्मा ने रैणागिरी में प्रसाद की दुकान खोल ली। पाई-पाई जोडकऱ दो बेटों व एक बेटी को शिक्षित किया। सबसे छोटे जिमी को इंजीनियरिंग के लिए जयपुर भेज दिया। जहां से जिमी अमरीका चला गया और ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय शुरू किया।
पाई-पाई जोडकऱ काबिल बनाया, अब डॉलर में कमाई

परिवार ने संघर्ष के दिनों में पाई-पाई जोडकऱ बेटे को काबिल बनाया। अब जिमी की अमरीकी करेंसी में कमाई है। परिवार को अमरीकी करेंसी में ही पैसे भेजता है, जो यहां भारतीय मुद्रा में बदले जाते हैं। उनका ट्रक भी लग्जरी है। जिमी का कहना है कि उनके परिवार ने मुश्किल दिन देखे हैं, अब वे कड़ी मेहनत कर माता-पिता के सपने रोशन करने का प्रयास कर रहे हैं। जिमी के बड़े भाई शिक्षक हैं, वहीं बहन पढ़ाई कर रही हैं।
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