चुर्री से हुई थी शुरूआत, अब बन गया गुटखा आज से 30 साल पहले अलवर में गुटखा तंबाकू का नाम कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अलवर जिला गुटखे की राजधानी बन गया है। इसकी शुरुआत चुर्री से हुई, जो अब गुटखा में बदल चुका है। कई पीढिय़ां इस लत से बर्बाद हो गई है। अलवर में हालात बहुत खराब हो चुके हैं। जहां देखो वहां गुटखे-तंबाकू की दुकानें सजी है, हजारों युवा अपनी मेहनत की कमाई का बडा हिस्सा गुटखा तंबाकू में खत्म कर देते हैं। इससे परिवार टूटकर बिखर रहे हैं।
अलवर में वर्ष 2018 में कैंसर जांच की सुविधा शुरू की गई थी। पिछले दो साल में 316 मामले सामने आए हैं। इस साल जनवरी से लेकर अभी तक 125 नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं। प्रतिमाह 15 नए कैंसर रोगी आ रहे हैं । इनमें सबसे ज्यादा ओरल कैंसर के हैं जो कि तंबाकू, गुटखा, खैनी, सिगरेट आदि पीने से होते हैं। पति के बीमार होने से महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान होती हैं। मेरी इस करवा चौथ पर सभी से यह अपील है कि इस लत को छोड़ दें।
डाक्टर बीएस खत्री, कैंसर केयर, नोडल डिस्ट्रिक ऑफिसर, अलवर।