विधायक गोलमा देवी विधानसभा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कम दर्ज करा पाई है। जिससे क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निराकरण नही हो पाया है। अब 2018 का चुनाव जीतने के लिए दोनों ही पार्टियों के नेता जनता से फिर नए लुभावने वादे कर रहे है। वहीं भाजपा के नेता सरकार की ओर से कराए गए विकास कार्य व जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम पर अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने की जुगत मेें लगे हंै।
आचार संहिता की चपेट में आया विधायक कोटा राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक गोलमा देवी को पांच साल में विधायक कोटे की राशि तो पूरी मिली, लेकिन वे 2 लाख 95 हजार 520 राशि का फिलहाल उपयोग नहीं कर पाई। हालांकि उन्होंने इस राशि के विकास कार्य की अभिशंसा तो कर दी, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण इन अभिशंसा पर वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो पाई। अब इस राशि से विकास कार्य विधानसभा चुनाव बाद ही हो पाएंगे।
गोलमा बनाम सूरजभान राजगढ़- लक्ष्मणगढ विधानसभा क्षेत्र की विधायक गोलमा देवी ने कहा कि उन्होंने चुनाव में कोई वादे नही किए थे। वो क्षेत्र में समय – समय पर आती रही है। जो सेवा हुई वो कर दी। विधानसभा क्षेत्र बड़ा होने के कारण कोई बड़ा विकास कार्य नहीं करा सकी। क्षेत्र में सडक, गौरव पथ, पानी की टंकी एवं बोरिंग के कार्य करवाएं है।
सूरजभान धानका का कहना है पंाच साल में वो सामाजिक कार्यो एवं सुख- दु:ख में शामिल होते रहे है। विधानसभा क्षेत्र की जनता से वो रुबरू होकर समस्याओं के निराकरण के प्रयास करते रहे है। पेयजल की समस्या के लिए अधिकारियों से मिलकर निराकरण के प्रयास करने में लगे रहे।
सूरजभान धानका का कहना है पंाच साल में वो सामाजिक कार्यो एवं सुख- दु:ख में शामिल होते रहे है। विधानसभा क्षेत्र की जनता से वो रुबरू होकर समस्याओं के निराकरण के प्रयास करते रहे है। पेयजल की समस्या के लिए अधिकारियों से मिलकर निराकरण के प्रयास करने में लगे रहे।