ऐसे में यात्रियों को मजबूरी में आरक्षित श्रेणी के डिब्बों में सफर करना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले रेलवे की तरफ से आश्रम सुपरफास्ट ट्रेन में एलएचबी कोच लगाए गए तो, अभी पूजा एक्सप्रेस ट्रेन में एलएचबी कोच लगाए गए हैं।
डिब्बे हुए कम पूजा एक्सप्रेस ट्रेन में पहले दो डिब्बे आगे व दो डिब्बे पीछे की तरफ सामान्य श्रेणी के लगते थे, जिनकी संख्या अब एक एक हो गई है। एलएचबी कोच में महिला डिब्बा भी नहीं होता है। ऐसे में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। इसी तरह के हालात अन्य डिब्बों के हैं। लेकिन रेलवे का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इसी तरह के हालात बरेली एक्सप्रेस ट्रेन, पोरबंदर एक्सप्रेस, इलाहाबाद एक्सप्रेस ट्रेन सहित अन्य ट्रेनों के हैं। रेलवे की तरफ से बीते कुछ दिनों के दौरान सामान्य डिब्बों की संख्या कम की गई है।
रेलवे के हिसाब से दिल्ली जयपुर एपी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन, आश्रम एक्सप्रेस, जयपुर इलाहाबाद एक्सप्रेस ट्रेन, अमृतसर एक्सप्रेस, गरीब रथ ट्रेन, रानीखेत एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस सहित विभिन्न ट्रेनों में अलवर जंक्शन का कोटा आरक्षित है। यह सुविधा जयपुर से दिल्ली तरफ जाने वाली ट्रेनों में मिलती है।
यात्रियों को नहीं मिली सीट अलवर जंक्शन पर प्रतिदिन 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है। तो इन ट्रेनों में विभिन्न रूटों पर 30 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। सामान्य टिकट पर करीब 18 से 20 हजार यात्री सफर करते हैं। ऐसे में ट्रेनों में सामान्य डिब्बों की संख्या बढऩी चाहिए। जबकि रेलवे की तरफ से सामान्य डिब्बों की संख्या कम की जा रही है। ऐसे में यात्रियों में बैठना तो दूर डिब्बे में चढऩे के लिए भी जगह नहीं मिलती है।
रेलवे अधिकारियों का क्या है कहना रेलवे के अधिकारियों की माने तो एलएचबी कोच में यात्रियों का सफर आरामदायक होता है। इनमें झटके कम लगते हैं, तो पटरी से डिब्बे उतरने की घटनाओं नहीं होती। इसके अलावा यह डिब्बे आधुनिक तकनीक से लैस हैं। इनमें लैपटॉप चार्जर, बायो शौचालय सहित अन्य सुविधाएं होती हैं। लेकिन इनमें डिब्बों की संख्या कम हो गई है।