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सरिस्का में वन्यजीवों पर पड़ सकता है संकट, सरिस्का प्रशासन को सताने लगी चिंता

locationअलवरPublished: Sep 03, 2018 09:44:49 am

Submitted by:

Hiren Joshi

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Less Rain In Sariska Is A Reason For Worry

सरिस्का में वन्यजीवों पर पड़ सकता है संकट, सरिस्का प्रशासन को सताने लगी चिंता

अलवर. जिले में इस कम बारिश से होने से सरिस्का में वन्यजीवों के लिए संकट बढ़ सकता है। सरिस्का व आसपास के क्षेत्र में इस साल बारिश औसत से आधी भी नहीं हो पाई है। नतीजतन सरिस्का के स्थाई व अस्थाई वाटर होल्स में पानी की आवक कम हो पाई है। वहीं गर्मी व उमस की स्थिति ऐसी ही रही तो संभव है कि ज्यादातर वाटर होल्स का पानी आगामी नवम्बर या दिसम्बर तक रीत जाए।
मानसून सत्र बीतने में महज 15 दिन शेष है और अलवर जिले में इस बार औसत बारिश का आंकड़ा 330 मिमी के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है जबकि जिले की औसत वर्षा 555 मिमी है। यानि इस बार औसत बारिश से जिले में आधी से कुछ ही ज्यादा बारिश हो पाई है। यानि कम बारिश के चलते नदी-नालों में अपेक्षित बारिश की आवक नहीं हो पाई।
सरिस्का क्षेत्र में औसत की आधी बारिश भी नहीं
हर बार बारिश के मामले में जिले में आगे रहने वाला थानागाजी (सरिस्का) क्षेत्र काफी पीछे है। इस साल अब तक थानागाजी क्षेत्र में करीब 215 मिमी बारिश ही हो पाई है। इसका सीधा असर सरिस्का पर पड़ा है। कम बारिश से सरिस्का के ज्यादातर वाटर होल्स में पानी की अन्य सालों की तुलना में कम हो पाई है। सरिस्का में ढाई सौ ज्यादा वाटर होल्स है। इनमें बारह महीने बहने वाले नाले सहित कई ऐसे वाटर होल्स हैं, जिनमें बारिश का पानी पूरे साल भरा रहता है। ये वाटर होल्स गर्मी के दिनों में वन्यजीवों की पानी की पूर्ति करते हैं। इस बार इन स्थाई वाटर हॉल्स में सिर्फ दो-तीन महीने चलने लायक पानी है।
सताने लगी सरिस्का प्रशासन को चिंता

सरिस्का प्रशासन को अभी से वाटर होल्स में पानी की कमी चिंता सताने लगी है। मानसून सत्र व बाद में सर्दी के चलते दिसम्बर-जनवरी तक सरिस्का में पानी की समस्या ज्यादा नहीं रहती, लेकिन फरवरी से जून तक सरिस्का में पानी की जरूरत ज्यादा पड़ती है। इस दौरान वाटर होल्स में पानी होने से मार्च महीना तक वन्यजीवों का काम चल जाता है। इसके बाद पम्प एवं टै्रक्टरों से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।

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