गुजरात के चुनावी शोर में जमकर हो रहा शराब कारोबार
अलवरPublished: Dec 04, 2022 08:41:28 pm
गुजरात में 62 साल से शराबबंदी है, लेकिन वह बेअसर ही रही है। अब विधानसभा चुनाव के शोर में बड़े पैमाने पर तस्करी कर शराब बेची जा रही है। जानकारों का मानना है कि प्रदेश में सालाना 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का शराब माफिया कारोबार कर रहा है। यही वजह है कि एक फोन मुंह मागी ब्रांड की शराब मिल जाती है।


चुनावी शोर में शऱाब माफिया भर रहा जेब, 20 हजार करोड़ का है सालाना कारोबार
सुनील सिंह सिसोदिया अहमदाबाद।
गुजरात में 62 साल से शराबबंदी लागू है। यदि यह शराबबंदी नहीं होती तो गुजरात सरकार को सालाना लगभग 20 हजार करोड़ रुपए शराब कारोबार से मिलते। लेकिन इस पूरे कारोबार पर आज शराब माफिया का राज है। गुजरात में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और हर जिले, कस्बे और गांव में शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। सूत्रों की मानें तो चुनावी वैतरणी पार करने के लिए कई नेताओं की ओर से भी लोगों का चोरी छिपे गला तर कराया जा रहा है। गुजरात में शराब सीमावर्ती राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट से पहुंच रही है। इस पूरे शराब कारोबार के सिस्टम की जानकारी गुजरात पुलिस ही नहीं, पड़ोसी राज्यों की पुलिस को भी है, लेकिन पूरी तरह मिलभगत से यह कारोबार फल-फूल रहा है।
इसी साल जुलाई-अगस्त में बोटाद जिले के रोजिड़ गांव में जहरीली शराब हादसे में करीब 57 लोगों की जान चली गई थी। मामले की गुजरात से लेकर दिल्ली तक गूंज भी रही। लेकिन कुछ दिनों की सख्ती के बाद फिर सबकुछ सामान्य हो गया। यही वजह है कि चुनावी शोर में शराब का भी बड़ा कारोबार चल रहा है। गरीब तबके के लोगों में शराब बांटना आम बात है, जो वोटों का गणित बिगाड़ने में असर कारक होती है। गुजरात के चुनावी दौरे के दौरान शराब आपूर्ति को लेकर कई लोगों से बात भी हुई। लगभग सभी ने शराब उपलब्ध होने की बात स्वीकारी। दाहोद के रामभाई ने तो शराब बिक्री से पाबंदी हटाने की बात ही कह दी। इनका कहना था कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से खूब देशी शराब आ रही है। यह पूरा काम मिलीभगत से चल रहा है।
हर जिले में आसानी से मिल रही शराब
जानकारों के मुताबिक गुजरात में शराब हरियाणा से राजस्थान के रास्ते बड़ी तादाद में रोजाना आ रही है। कई ट्रक शराब के इस रास्ते से गुजरात के तमाम जिलों में पहुंच रहे हैं। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर जिलों के रास्ते गुजरात में शराब आ रही है। महाराष्ट्र से भी शराब गुजरात पहुंचती है। यही वजह है कि 33 जिलों वाले इस राज्य में हर जगह शराब आसानी से उपलब्ध है।
फोन करते ही पहुंच जाती है बोतल
शराब के शौकीनों की मानें तो शराब माफिया के लोग मनचाही जगह शराब पहुंचाने के लिए तैयार रहते हैं। बस आने-जाने के खर्च की अलग से वसूली करते हैं। ग्राहक की मांग पर वोतल का व्हाट्सएप पर फोटो और कीमत भेजने के बाद सौदा तय होता है और फिर शराब तत्काल पहुंच जाती है। एेसे गुजरात में कई स्टिंग हो चुके हैं।
सख्त कानून भी बेअसर
गुजरात में शराब की अवैध बिक्री पर 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। राज्य में 1960 से शराबबंदी लागू है। गुजरात सरकार ने 2017 में इस कानून को और सख्त कर दिया, लेकिन शराब माफिया पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
606 करोड़ की शराब-ड्रग्स जब्त
दरअसल, गुजरात में शराबबंदी सिर्फ कागजों तक सीमित है। गुजरात सरकार ने 2 मार्च 2022 को विधानसभा में जानकारी दी थी कि दो साल में 215 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी शराब, 4 करोड़ से ज्यादा कीमत की देशी शराब और लगभग 16 करोड़ रुपए की बीयर जब्त की है। कुल मिलाकर गत दो वर्षों में करीब 606 करोड़ की शराब और ड्रग्स बरामद की गई। वहीं पुलिस की ओर से भी चार माह पहले बयान जारी कहा गया था कि जनवरी 2021 से जुलाई 2022 तक राज्य में करीब ढाई लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से करीब 2 लाख लोग देशी शराब और 50 हजार से अधिक अंग्रेजी शराब के मामले में गिरफ्तार किए गए थे। इसी प्रकार लगभग ढाई लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। 18,658 वाहनों की की जब्ती के साथ ही करीब 28 हजार मामले घरों पर शराब पहुंचाने वालों के खिलाफ थे।