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रक्षा बंधन पर बहन-भाइयों के बीच लॉक डाउन का बंधन, शहर में कुछ इस तरह खड़े होकर मनाया रक्षाबंधन पर्व

locationअलवरPublished: Aug 03, 2020 11:42:08 pm

Submitted by:

Lubhavan

अलवर शहर में लॉक डाउन के चलते रक्षा बंधन पर्व पर कई भाइयों की कलाई सूनी रह गई तो कई लोगों ने बैरिकेटिंग के आर पार खड़े होकर यह पर्व मनाया

Lock Down Affect Raksha Bandhan Festival In Alwar City

रक्षा बंधन पर बहन-भाइयों के बीच लॉक डाउन का बंधन, शहर में कुछ इस तरह खड़े होकर मनाया रक्षाबंधन पर्व

अलवर. रक्षा बंधन के दिन सुबह से ही लोग गलियों में से निकलने के लिए अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए मशक्कत करते रहे। पुलिस कर्मी उन्हें बार-बार डंडा दिखाकर भेज रहे थे। ऐसे में कई लोगों को वापस अपने घर जाना पड़ा।
अलवर शहर में पुराने सुबह से ही पुलिस ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया। एसमएडी सर्किल से नंगली सर्किल तक सुबह साढ़े 11 बजे सडक़ सूनी थी। कम्पनी बाग से मन्नी का बड़ की तरफ से बहुत से लोग मोटरसाइकिल पर थे जो महिलाओं को बैठाकर ले जा रहे थे। नगर परिषद के सामने चार पुलिस कर्मियों ने करीब 15 मिनट में ही 10 मोटरसाइकिल सवारों को वापस भेज दिया। कई महिला तो पास में ही जाने का गिड़गिड़ा रही थी लेकिन पुलिस वाले नहीं माने। यहां से लेकर काशीराम चौराहे तक बहुत सख्ती थी।
कोतवाली क्षेत्र में लोक डाउन के चलते महिलाओं को राखी बांधने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। खासकर उन महिलाओं को जिनके भाई कोतवाली क्षेत्र से बाहर रहते हैं। मनु मार्ग निवासी मालती माथुर ने बताया कि वह कोतवाली क्षेत्र में रहते हैं और उनके भाई क्षेत्र से बाहर रहते हैं ऐसे में उन्होंने प्रतिबंधित क्षेत्र में बलियो के पास खड़े होकर उस पार खड़े अपने भाई को राखी बांधी। उन्होंने बताया था कि 11 बजे तक वह अपने भाई के पास जाने का समय नहीं निकाल पाई।
दोपहर 12 बजे बाद भगत सिहं से अग्रसेन सर्किल तक पुलिस ने ढील दी। अग्रसेन सर्किल पर पुलिस कर्मी शांत होकर बैठे रहे और आसानी से आते-जाते रहे जिसकी सूचना लोगों ने एक- दूसरे का फोन पर दी। अग्रेसन सर्किल के बाद शहर कोतवाली का दायरा खत्म होने पर लोगों ने चैन की सांस ली।
फाटक के नीचे से निकाल कर ले गए बहन को-

अलवर शहर की बहुत बड़ी आबादी रेलवे ओवर ब्रिज की दूसरी तरफ रहती है। ऐसे में शहर कोतवाली क्षेत्र के लोगों को यदि अग्रसेन सर्किल से आगे पुल पार जाना था तो उन्होंने दाउदपुर रेलवे फाटक का सहारा लिया। लोग यहां फाटक तक पैदल आए । विशेषकर महिलाएं रेलवे फाटक के नीचे से निकल कर दूसरी तरफ पहुंच गई जिधर उन्हें कोई वाहन पर लेने आया था। इस फाटक से दिन भर में एक हजार से अधिक महिलाएं निकली होंगी।
इतनी तो सेना का कफ्र्यू में भी आफत नाए आती होगी-

कई महिलाओं ने पत्रिका को बताया कि हम कई किलोमीटर पैदल चलकर राखी बांधने जा रही हैं। प्रशासन ने रक्षा बंधन के दिन ही इतनी सख्ती कर दी है जबकि इतनी सख्ती को सेना के कफ्र्यू में भी नाए होए, वा में भी राखी बांधने की तो छूट मिले।
पुलिस वाले ने कहा साब कैमरे में सब दिख रहा है, नहीं तो हम छोड़ दे-

अलवर शहर के होप सर्कस क्षेत्र में खड़े पुलिस कर्मियों ने बताया कि साहब, कई बहनों को हमने वापस भेज दिया। यदि हम नहीं भेजे तो यहां भीड़ हो जाए। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कैमरा लग रहे हैं जिसमें सब दिख रहा है। हम भेज तो दें लेकिन कैमरे में सब अधिकारियों को दिख जाएगाा। रक्षा बंधन के दिन हमारा दिल तो नहीं करे कि हम बहनों को राखी बांधने से रोके लेकिन हमारी मजबूरी है।
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