अलवर जिला अपराध की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यहां हर साल औसतन 18 हजार आपराधिक मामले पुलिस रेकॉर्ड में दर्ज होते हैं। संगीन अपराधों के कारण अलवर जिला हमेशा सुर्खियों में बना रहता है, लेकिन जब से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जनता कफ्र्यू और लॉक डाउन के रूप में सडक़ों पर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ी है तब से अपराधी भी छिप गए हैं। हर जगह पुलिस की तैनाती देख अपराधी अपराध करने के लिए बाहर ही नहीं निकल रहे हैं। इससे अलवर जिले में चोरी, लूट, डकैती, हत्या, अपहरण, बलात्कार, गोतस्करी और शराब तस्करी जैसे अपराधों पर लगाम सी लग गई है। कोरोना के संक्रमण के संकट घड़ी में ये अलवरवासियों के लिए राहत देने वाली खबर है।
थानों में कम दर्ज हो रहे मामले पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिले के पुलिस थानों में दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों में भी पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान काफी कमी आई है। थानों में दर्ज होने वाले अपराधों का ग्राफ करीब आधा रह गया है। जिले में लोग घरों में कैद हैं, जिसके कारण अपराध नहीं हो रहे हैं और लोग थानों में शिकायतें लेकर भी नहीं पहुंच रहे हैं।
वाहन चोरी की वारदातें रुकी अलवर शहर में दुपहिया वाहन चोरी की वारदातें काफी अधिक होती हैं। रोजाना शहर से औसतन 6 से 10 बाइक चोरी होती हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण के कारण चल रहे लॉक डाउन में वाहन चोरी पूरी तरह से रुक गई है। पिछले चार-पांच दिन से शहर में से एक भी बाइक चोरी नहीं हुई है। इसके अलावा जिले के अन्य इलाकों में भी दुपहिया और चौपहिया वाहनों की चोरी की वारदातों में कई आई है।
अपराध में कमी आई कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चल रहे लॉक डाउन में जिले में अपराधों की संख्या में कमी आई हैं। पुलिस की सख्ती के कारण अपराधी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और अपराध नहीं कर पा रहे हैं।
– परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक, अलवर लॉक डाउन से घटा अपराध जिलेभर में चल रहे लॉक डाउन में पुलिस पूरी मुस्तैदी से सडक़ों पर तैनात है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में जिले में संगीन अपराध और घटनाओं में काफी कमी आई है।
– अमनदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक, भिवाड़ी।