जिला प्रशासन ने लॉक डाउन में शहर कोतवाली एरिया की सीमाओं को बेरिकेट्स और बल्लियां लगाकर बंद किया है। आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों और लोगों को लॉक डाउन एरिया के बाहर-भीतर आने-जाने की छूट प्रदान की है। वहीं, लॉक डाउन एरिया के बाजारों में सुबह 7 से 11 बजे तक आमजन खरीदारी व आवागमन की अनुमति प्रदान की गई है तथा आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों और वाहनों को सुबह 4 से 6 बजे, सुबह 7 से 11 बजे तक और 11 बजे के बाद तक आवागमन की छूट दी है।
लॉक डाउन की गाइडलाइन की पालना के लिए जगह-जगह बनाए 35 नाकेबंदी प्वाइंट और शहर के बाजारों में करीब 400 पुलिसकर्मियों का जाप्ता लगाया गया है। जिला प्रशासन की इस व्यवस्था पर शहर के चौराहों और नाकेबंदी प्वाइंट पर खड़े कुछ पुलिसकर्मी बिगाडऩे में लगे हैं। बेरिकेट्स और नाकों से निकलने वाले लोगों को ये पुलिसकर्मी रोक रहे और उनसे बदसलूकी कर रहे हैं। यदि ऐसे में कोई व्यक्ति उन्हें बदसलूकी करने से रोकता-टोकता है तो पुलिसकर्मी उस व्यक्ति को डंडे या थप्पड़-मुक्के मारने से भी नहीं चूक रहे हैं।
लॉक डाउन के पहले दिन गुरुवार और दूसरे दिन शुक्रवार को शहर कई जगह नाकों और बाजारों में पुलिसकर्मियों ने आमजन के साथ ऐसा ही बर्ताव किया। शुक्रवार को दाउदपुर फाटक के निकट एक व्यक्ति नाकेबंदी प्वाइंट से निकलने लगा तो पुलिसकर्मी ने उस पर डंडे बरसाना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी ने उक्त व्यक्ति को कई डंडे मारे और उसे वहां से भगा दिया।
ना मानवीयता दिखा रहे, ना ही अनुमति मान रहे शहर में नाकेबंदी प्वाइंट पर तैनात कई पुलिसकर्मी लकीर के फकीर बने हुए हैं। किसी बीमार या विकलांग को देखकर ना वे मानवीयता दिखा रहे हैं और ना ही प्रशासनिक अनुमति को मान रहे हैं। बीमार और विकलांग व्यक्ति को भी बुरा बर्ताव कर भगा रहे हैं। वहीं, यदि किसी व्यक्ति के पास लॉक डाउन एरिया में जाने-आने की प्रशासनिक अनुमति है तो उसे भी परेशान कर रहे हैं।
रास्ते में बल्लियां और पुलिसकर्मी दूर बैठे शुक्रवार को शहर के कई नाकेबंदी प्वाइंट जहां बल्लियां बांधकर रास्ते रोके हुए थे और पुलिसकर्मी दूर छांव में बैठकर मोबाइल और बातों में मशगूल नजर आए। इमरजेंसी होने के बावजूद लोगों को वहां से नहीं निकलने दिया गया। वहीं, रात के समय नाकेबंदी प्वाइंट से गुजरने वाले इमरजेंसी सेवा से जुड़े लोगों को भी इन पुलिसकर्मियों के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सख्ती का मतलब अभद्रता नहीं लॉक डाउन के दौरान नाकेबंदी प्वाइंट और गश्त ड्यूटी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को हिदायत दी गई है कि सख्ती का मतलब अभद्रता नहीं है। किसी भी व्यक्ति के साथ अभद्रता से पेश नहीं आए। वायरलैस सेट पर भी सभी पुलिसकर्मियों को इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
– तेजस्विनी गौतम, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।