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Lok Sabha Elections 2019 के नतीजे आने में हो सकती है देरी, इस बार मतगणना में की गई है यह नई व्यवस्था

locationअलवरPublished: May 15, 2019 02:26:20 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने में देरी हो सकती है। इस बार नई व्यवस्था की गई है।

Lok Sabha Elections 2019 Result May Delay Due To New Arrangement

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अलवर. चुनाव आयोग की ओर से इस बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 बूथों के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान किए की कार्रवाई नतीजों का इंतजार बढ़ा सकती है।
लोकसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 मई को होनी है। मतगणना के लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू की जा चुकी हैं। इस बार मतगणना में चुनाव आयोग की ओर से वीवीपैट पर्चियों के मिलान की नई व्यवस्था शुरू की गई है। नई व्यवस्था के तहत अब हर विधानसभा क्षेत्र के पांच बूथों की पर्चियों को रेण्डम आधार पर मतगणना के नतीजों से मिलाया जाएगा। मतगणना एवं वीवीपैट की पर्चियों के मिलान के नतीजों में अंतर मिलने का नतीजों पर असर पड़ सकता है। पूर्व में चुनाव आयोग की ओर से मतगणना के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र से एक बूथ के मतों का वीवीपैट की पर्ची से मिलान अनिवार्य था, अब इसे बढ़ाकर हर विधानसभा क्षेत्र में पांच बूथ कर दिया गया है।
राजनीतिक दल चाहते थे 50 फीसदी वोटों का मिलान

विभिन्न राजनीतिक दलों की मांग लोकसभा चुनाव की मतगणना में 50 फीसदी वोटों का वीपीपैट की पर्चियों से मिलान की थी। अनेक राजनीतिक दल इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं चुनाव आयोग ने इस बार मतगणना के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 बूथों के मतों का वीपीपैट से मिलान अनिवार्य किया है।
जीत-हार का अंतर ज्यादा तो नहीं पड़ेगा फर्क

चुनाव आयोग की नई व्यवस्था का जीत-हार का अंतर बड़ा होने पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि प्रत्याशियों के बीच हार-जीत का अंतर कुछ सौ वोटों तक सिमटा तो वीवीपैट की पर्चियों का मिलान नतीजे में बड़ा रोल अदा कर सकता है। इसका कारण है कि एक बूथ पर सामान्यत: एक हजार से 1500 वोट होते हैं, पांच बूथों पर 5 से 7 हजार वोट होते हैं। यदि इनमें प्रत्याशियों के वोट और वीवीपैट के मतों की संख्या में अंतर मिला तथा चुनाव परिणाम कुछ हजार वोटों के फेर में रहा तो नतीजे बदल भी सकते हैं।
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