अलवर लोकसभा क्षेत्र में अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, बहरोड़, मुण्डावर, तिजारा व किशनगढ़बास सहित कुल आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में से 6 चेहरे पहली बार जीतकर आए हैं। जिनमें तीन ऐसे हैं जिन्होंने पहला ही विधानसभा का चुनाव लड़ा। खास बात यह है कि इनमें एक निर्दलीय हैं। उससे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि दो बसपा के विधायक हैं। आठ में से पांच युवा चेहरे हैं। जिसके कारण कांग्रेस के अलावा भाजपा सहित अन्य पार्टियों के रणनीतिकारों का लोकसभा के टिकट का गणित गड़बड़ा रहा है।
अनुभवी नेताओं पर भारी पड़े युवा चेहरे पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम में अनुभवी नेताओं पर युवा चेहरे भारी पड़े। सांसद डॉ. करण ङ्क्षसह यादव 75 साल के हैं। वे किशनगढ़बास विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज नहीं करा पाए। डॉ. रोहिताश्व शर्मा 74 साल के हैं। वे भी थानागाजी से पिछले विधानसभा चुनाव में कामयाब नहीं हो सके। डॉ. जसवंत यादव 64 साल के हैं। हालांकि वे विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव नहीं लड़े और अपने पुत्र को चुनाव लड़वाया। लेकिन उनका पुत्र भी जीत दर्ज नहीं का सका।
ये बन गए विधायक
तिजारा से 35 साल के सबसे युवा विधायक हैं संदीप यादव। मुण्डावर से37 साल के हैं विधायक मंजीत चौधरी। बहरोड़ से बलजीत व अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली भी युवा विधायक हैं। अधिक अनुभवी विधायकों में किशनगढ़बास के विधायक दीपचंद खैरिया व राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ के विधायक जौहरीलाल मीणा आते हैं। अलवर शहर से संजय शर्मा व रामगढ़ से सफिया खान भी पहले ही प्रयास में चुनाव जीत गए।