यह रहेंगे मुख्य मुद्दे व्यापारी गुरुमुखदास आहूजा का कहना है कि प्रत्येक सरकार बेरोजगारी दूर करने के लिए चुनावी वादें करती हैं, लेकिन उन वादों पर पूरी तरह अमल नहीं होता है। उजेन्द्र जांगिड़ का कहना है कि सरकार को देश की सुरक्षा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास करने चाहिए। युवा दीपक पूनिया का कहना है कि सरकार को भर्तियां निकालकर बेरोजगारी दूर करनी चाहिए, पिछली सरकारों में कई भर्तियां निकली, लेकिन सभी भर्तियों में कोई न कोई अड़चन आने से कोर्ट में अधिकांश भर्तियां अटक गई। शिक्षाविद् दिलीप जांगिड़ का कहना है कि चम्बल का पानी अलवर लाना चाहिए।
किसान रामजस जांगिड़ का कहना है कि कर्जमाफी ही किसानों की समस्या का पूर्ण समाधान नहीं है, किसानों को सिंचाई के लिए नहरी पानी मिले, बिजली समय पर मिले, फसल का मूल्य सही मिले आदि कार्य ही किसानों की समस्याओं का सही हल है। गांव खानपुर अहीर कबूलचन्द एवं मंढा निवासी रामकिशन यादव का कहना है कि नेताओं को केवल क्षेत्रीय मुद्दों एवं जन एजेंडा बनाकर विकास की बात करनी चाहिए। कुन्दन मानवानी का कहना है कि व्यापार एवं रोजगार देने के नए अवसर पैदा करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। ओमप्रकाश मीणा का कहना है कि नेताओं एवं राजनीतिक दलों को आमजन को मूलभूत सुविधाएं अधिक मिले। इस दौरान व्यापारी सुनील कौशिक, पूर्व उपप्रधान जगदीश सैनी, सोनू भारद्वाज, जवाहर जांगिड़, अशोक पटेल, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग से परमानंद सोनी, एडवोकेट रूपेश यादव, डॉ. धर्मराज शर्मा ने अपने विचार रखे।