फसलों की चमक रही फीकी लगातार हो रही बरसात के कारण खेत-खलिहानों में पड़ी फसलें भीग गई हंै। जिससे फसल की चमक फीकी पड़ गई है। अधिकांश फसलें या तो काली पड़ गई हैं या गलने लगी हैं। फसलों की चमक कम होने से बाजार का अच्छा भाव भी किसानों को नहीं मिलेगा। इसके साथ ही गेहूं से मिलने वाला चारा भी काला पड़ गया है। अधिकांश चारा मवेशियों के चरने लायक नहीं रहा है। किसानों का कहना है कि अब भीगे हुए गेहंू से बना चारा पशुओं को चराया जाएगा, तो इससे पशु बीमार पड़ जाएंगे तथा दुधारू पशुओं का दूध घट जाएगा। लगातार बरसात में शायद ही कोई ऐसी फसल बची हो जो बिना भीगे रह गई हो। ऐसी स्थिति में पशु पालकों के सामने चारे की समस्या खड़ी दिखाई देने लगी है।
अंधकार में पेड़ व विद्युत पोल धराशाई
देर शाम को आई तेज आंधी में क्षेत्र के दर्जनों पेड़ व पोल धराशाई हो गए। कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों की विद्युत व्यवस्था चौपट होने से रात भर अंधेरा छाया रहा।
अंधकार में पेड़ व विद्युत पोल धराशाई
देर शाम को आई तेज आंधी में क्षेत्र के दर्जनों पेड़ व पोल धराशाई हो गए। कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों की विद्युत व्यवस्था चौपट होने से रात भर अंधेरा छाया रहा।
मंगलवार दोपहर तक विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं तेज आंधी से खेत-खलिहानों में खड़े छायादार पेड़ नष्ट हो गए। इससे हरियाली पर भी बुरा असर पडऩे की आशंका है। अंधकार से कई मकानों के टीन-टप्पर भी उड़ गए, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना
पड़ा है।
पड़ा है।