1547 में बनी थी फतेहजंग की इमारत अलवर रेलवे स्टेशन के समीप खानजादा फतेहजंग खान की स्मृति में 1547 में इसका निर्माण किया था। सेनापति फतेहजंग खान, हसन खां मेवाती के भतीजे थे। सेना के कुशल सेनापति थे। यह गुंबद 5 मंजिला है । प्रत्येक मंजिल पर चारों तरफ दरवाजे और छोटी छोटी खिड़कियां बनी हुई है। सबसे अंत में कंगूरे से जुड़े 8 कोण हंै। हर कोण में पतली ओर छोटी मीनार और गुंबद के शिखर पर उत्कीर्ण कमल की पंखुडिय़ों के बीच 4 खंबों की एक छोटी सी छतरी है। इसके चारों कोनों को मीनार की शक्ल दी गई है। चार कोनों में ऊपर तक पहुंचने के लिए सीढिय़ा बनी हुई है। इसके अंदर एक मजार है । जो सभी के लिए श्रद्धा का केंद्र है। इस भवन के दरवाजों व प्रथम मंजिल की छतों पर अरबी व फारसी भाषा में कुरान की आयातें लिखी गई है।