विभाग की चूक या असमंजसता इसे विभाग की चूक कहे या उसकी असमंजसता इसके बारे में विभाग के आला अधिकारी भी नहीं बता पा रहे। समाज कल्याण विभाग अलवर के सहायक निदेशक अशोक बैरवा ने बताया कि हालांकि ये नाम हट जाना चाहिए था। उन्हें आए अभी दो माह ही हुए है और ये कार्य उनके स्तर का नही है, इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना भेज कर इसे शीघ्र अतिशीघ्र संशोधित कराने के प्रयास किए जाएंगे।
अजमेर और मांडलगढ़ में भी यहीं हाल अलवर के साथ-साथ ही उपचुनाव हुए परन्तु वहाँ नवनिर्वाचित सांसद और विधायक के नामों को विभाग की साइट पर अपडेट नहीं किया गया है ।