सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सरकारी वेबसाइट पर चाहे कॉलेज एवं स्कूली छात्राओं को छात्रवृति का लाभ मिलना हो, या पालनहार में विधवा महिलाओं को उनके बच्चों के भरण पोषण का सरकारी लाभ लेना हो, सांसद महोदय का नाम भरे बगैर उन्हें ये लाभ मिल पाना संभव नहीं है। सांसद के इस कॉलम में अब भी महंत चांदनाथ का नाम ही दर्शा रहा है। उल्लेखनीय हेै कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर ई-मित्रों द्वारा भरे जाने वाले छात्रवृति आवेदन, पालनहार रजिस्ट्रेशन एवं विकलांग प्रमाण पत्र के आवेदन सहित अन्य आवेदनों में अपने स्थानीय विधायक एवं सांसद का नाम भरना अनिवार्य है। उनका नाम भरे बगैर आवेदन को स्वीकार नहीं किया जा सकता और न ही सरकारी योजना का लाभ लिया जा सकता है। ऐसे में विभाग की साइट पर अलवर के दिवंगत सांसद चांदनाथ का नाम आना और वर्तमान संासद डॉ. करण सिंह यादव के नाम को अपडेट न करना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है ।
विभाग की चूक या असमंजसता इसे विभाग की चूक कहे या उसकी असमंजसता इसके बारे में विभाग के आला अधिकारी भी नहीं बता पा रहे। समाज कल्याण विभाग अलवर के सहायक निदेशक अशोक बैरवा ने बताया कि हालांकि ये नाम हट जाना चाहिए था। उन्हें आए अभी दो माह ही हुए है और ये कार्य उनके स्तर का नही है, इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना भेज कर इसे शीघ्र अतिशीघ्र संशोधित कराने के प्रयास किए जाएंगे।
अजमेर और मांडलगढ़ में भी यहीं हाल अलवर के साथ-साथ ही उपचुनाव हुए परन्तु वहाँ नवनिर्वाचित सांसद और विधायक के नामों को विभाग की साइट पर अपडेट नहीं किया गया है ।