धार्मिक आयेाजनों के चलते सारा शहर आस्था के सागर में डूबकी लगाता रहा। सिंह नगरी अलवर पूरी तरह से शिवमय बन गई। जहां देखो वहां पूजा की थाली लिए हुए भक्त अपने आराध्य को मनाने में लगे हुए थे। सुबह से ही शहर के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी है। शिवालयों में हर हर महादेव, बम बम भोले, ओम नमा: शिवाय के जयकारे गूंजते रहे। शिवभक्तों ने भगवान को बिल्व्र, आक, धतूरे आदि का अर्पण किया। मंदिरों में भी भजन,कीर्तन के कार्यक्रम चल रहे हैं। मंदिरों में शाम को बड़ी संख्या में भक्त दर्शनों के लिए आते हैं इसके चलते सुबह से ही रंग बिरंगी रोशनी की सजावट चल रही है। महाशिवरात्रि पर सुबह से ही गली मोहल्लों में भजन कीर्तन के स्वर सुनाई दे रहे हैं। जिन परिवारों में बेटे की शादी हुई है या फिर पुत्र जन्म हुआ है। वहां पर भगवान शिव को जेगड़ चढ़ाई गई। जिसमें महिलाएं सामूहिक रूप से परंपरागत लोकगीत व भजन गाते हुए मंदिर तक पहुंची।
त्रिपोलिया में लगी लंबी कतार शहर में त्रिपोलिया स्थित प्राचीन शिवमंदिर में भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ है। यहां लंबी कतार लगी हुई है इसके चलते भक्तों को भगवान का अभिषेक करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। शिवालय के आसपास दूध, फूल, आक आदि की दुकानें सजी हुई है। श्रद्धालु साल भर भगवान को जलाभिषेक भले ही ना करे लेकिन महाशिवरात्रि पर हर धार्मिक व्यक्ति भगवान का अभिषेक अवश्य करता है। इसके चलते यहां सबसे ज्यादा भीड़ थी। पूजा करने वालों में अविवाहित युवाआें की संख्या ज्यादा थी। शाम को यहां लगने वाले मेले के लिए सुंदर सजावट की गई थी। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, होमगार्ड के अलावा स्काउट व गाइड का विशेष सहयोग लिया गया।
शिवभक्तों ने किया सामूहिक पूजन स्कीम नंबर तीन क्षेत्र फैमिली लाईन मौहल्ले मे? शिवरात्रि ि पर्व के उपलक्ष्य में मंगलवार को सामूहिक हवन पूजन किया गया। हवन पूजन कार्यक्रम मनोहरदास ने सम्पन्न कराया। यहां पर भागवतकथा भी शुरु हुई। दोपहर बाद मंगलवार को कथा में वानर भगवान की झांकी का आयोजन किया गया। कथा वाचक ने बताया कि यह कथा 17 फरवरी तक रोजाना दोपहर में 12 बजे से शाम 4 बजे तक होगी।