सरिस्का में बाघ एसटी-11 एवं एसटी-4 की मौत के बाद बाघिन व बाघ के बीच संतुलन गड़बड़ा गया है। वन्यजीव नियमों के मुताबिक तीन बाघिन पर एक युवा नर बाघ होना जरूरी है। इस लिहाज से सरिस्का में बाघों की कमी है। फिलहाल सरिस्का में तीन बाघ है। इनमें बाघ एसटी-6 की उम्र 14 साल से ज्यादा हो चुकी है। वहीं यह बाघ पिछले कई महीनों से घायल अवस्था में है। पिछले महीनों बाघ एसटी-4 व एसटी-6 के बीच संघर्ष हो गया था। इस सघर्ष में दोनों बाघ घायल हो गए थे। इनमें से बाघ एसटी-4 की मौत पहले ही हो चुकी है और बाघ एसटी-6 की भी सरिस्का में मौजूदगी भर रह गई है। यही कारण है कि सरिस्का प्रशासन इन दिनों रणथंभौर से एक युवा नर बाघ लाने की तैयारी में जुटा है।
सिर्फ दो ही बाघ कुनबा बढ़ाने में सक्षम सरिस्का में बाघ एसटी-13 व एसटी-15 ही बाघों का कुनबा बढ़ाने में सक्षम है। ये दोनों ही बाघ अभी युवा हैं। इनमें बाघ एसटी-13 पूर्व में भी सरिस्का में बाघों का कुनबा बढा चुका है। लेकिन बाघिनों की संख्या को देखते हुए दो बाघ ही कुनबा बढ़ाने को काफी नहीं है।
बाघ लाने की तैयारी सरिस्का के उच्च अधिकारी इन दिनों जयपुर मुख्यालय के माध्यम से रणथंभौर से एक नर बाघ लाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए रणथंभौर के बाघों की प्रोफाइल तलाशी जा रही है।
बैठक में होगा फैसला सरिस्का बाघ भेजने के संबंध में मंगलवार को दोपहर तीन बजे सीसीएफ सवाईमाधोपुर कार्यालय में बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें एनटीसीए, डब्ल्यूआईआई के सदस्य, सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर घनश्याम शर्मा आदि के साथ रणथम्भौर के वन अधिकारियों की बैठक होगी। इसमें कौनसा बाघ भेजा जाएगा यह निश्चित किया जाएगा। विभाग की मंशा सरिस्का में चार से छह साल का बाघ भेजने की है।
रणथम्भौर से एक बाघ लाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है। सरिस्का को एक नर बाघ की जरूरत है। एनटीसीए पहले ही इसकी मंजूरी दे चुका है।
सेढूराम यादव, डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना
सेढूराम यादव, डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना