नृत्यांगना बिंबावती देवी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाड़ा , नीदरलैंड , स्पेन इत्यादि अनेक देशों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। इन्होंने पिता विपिन सिंह से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने बताया कि मणिपुरी नृत्य के दो प्रकार हैं जो लास्य व ताण्डव हैं। लास्य नृत्य महिलाओं तथा ताण्डव नृत्य पुरुषों के माध्यम से किया जाता है।सहयोगी कलाकारव शिष्या ईवाना सरकार के अद्भुत रास नृत्य को देख कर विद्यार्थी मंत्र मुग्ध हो गए। बिंबावती देवी की ओर से प्रस्तुत मन्दिरा नर्तन ने सभी का मन मोह लिया ।
मणिपुर का तुंगचलो नृत्य एक ऐसा नृत्य है जो पुरुषों के समूह की ओर से किया जाता है । इस नृत्य की तांडव शैली को पुंग जो कि मणिपुरी मृदंग है। तोंबा की ओर से प्रस्तुत किया गया जिसे देख कर सभी अचम्भित थे। ईवाना सरकार ने अपनी लास्य शैली के माध्यम से श्रीकृष्ण की ओर से माखन चोरी के अभिनय को बख़ूबी प्रस्तुत किया । गुरु शिष्य बिंबावती व ईवाना की जोड़ी ने कृष्ण और दाऊजी की अठखेलियों को अपने अभिनय नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। पुंग पर तोंबा व गायन में एस प्रमिला ने संगत की।स्पिकमेके सह सचिव विकास मील व सदस्य तनवी मनचंदा , भारती पावा, रेणु गोयल तथा विद्यालय परिवार के अध्यापक आलो सिंघल, शिल्पी व विजय का विशेष सहयोग रहा। मंच संचालन रिशिना व चार्मी ने किया।