मंदिर के पुजारी नरेश पाराशर ने बताया कि मंदिर में इस बार कोल्हापुर से माता के पिंडी स्वरूप को भी लाकर विराजमान किया गया है। पूर्व में केवल पिंडी थी लेकिन अब उनका स्वरूप भी यहां आ गया हैं। मंदिर में वैष्णों देवी जैसी ठंड का अहसास हो इसके लिए गुफा के अंदर कृत्रिम झरने और ठंडे पानी का इंतजाम किया गया है इसके लिए प्रतिदिन पानी में बर्फ डाली जाती हैं। उन्होंने बताया कि माता के मंदिर में राम दरबार की स्थापना भी करवाई गई है। इसके लिए मंदिर के भक्त हरिभूषण भाटिया ने मुकुट भेजे हैँ जबकि पोशाक जयपुर से लाई गई है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह व शाम को संगीतमय आरती की जाती है।