यहां से आ रही प्याज
फरवरी से अलवर मंडी में जोधपुर के मथानिया व सीकर के मुनरू की लाल मीठी प्याज, बगरू की सफेद प्याज एवं चौमूं की सफेद व लाल प्याज खूब आ रही है। इसके साथ ही अप्रेल से फलौदी-सोहेला व भोपालगढ़ की लाल एवं शाहपुरा व बैराठ क्षेत्र की सफेद प्याज की भी आवक हो रही है। जो ग्राहकों के लिए रिटेल भाव में 14 से 15 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से उपलब्ध है।
फरवरी से अलवर मंडी में जोधपुर के मथानिया व सीकर के मुनरू की लाल मीठी प्याज, बगरू की सफेद प्याज एवं चौमूं की सफेद व लाल प्याज खूब आ रही है। इसके साथ ही अप्रेल से फलौदी-सोहेला व भोपालगढ़ की लाल एवं शाहपुरा व बैराठ क्षेत्र की सफेद प्याज की भी आवक हो रही है। जो ग्राहकों के लिए रिटेल भाव में 14 से 15 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से उपलब्ध है।
मौसम में परिवर्तन से लाल प्याज की बिक्री अधिक
आमतौर पर सफेद प्याज मीठी होने के कारण सलाद के काम में ली जाती है। इसके साथ ही लू लगने पर भी इसका सेवन काफी फायदेमंद होने के कारण तेज गर्मी में सफेद प्याज की अधिक बिक्री होती है। इसी प्रकार लाल प्याज को सब्जी व सलाद दोनों में काम लिया जाता है। ऐसे में मौसम में परिवर्तन के कारण फिलहाल मथानिया की लाल प्याज को अधिक पसंद किया जा रहा है।
स्थानीय प्याज की आवक अक्टूबर से होगी
अलवर जिले के रामगढ़, थानागाजी, लक्ष्मणगढ़, उमरैण, राजगढ़, मालाखेड़ा, थानागाजी, तिजारा व किशनगढ़बास पंचायत समिति के साथ ही बहरोड़, बानसूर, मुण्डावर, कोटकासिम, बीबीरानी, नीमराणा तथा हरियाणा के रेवाड़ी व चरखी दादरी आदि क्षेत्रों में प्याज की खूब पैदावार होती है। ऐसे में अक्टूबर, नवंबर, दिसबंर व जनवरी में जिला सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से प्याज की आवक शुरू होगी।
प्याज की फसल में रोग लगने से नुकसान
अलवर मंडी के आढ़तिया रोशन लाल सैनी का कहना है कि बारिश के कारण प्याज की फसल में रोग लगने से नुकसान हो रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में मांग बढऩे से प्याज के भाव बढऩे की संभावना रहेगी।
अलवर मंडी के आढ़तिया रोशन लाल सैनी का कहना है कि बारिश के कारण प्याज की फसल में रोग लगने से नुकसान हो रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में मांग बढऩे से प्याज के भाव बढऩे की संभावना रहेगी।