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कुलपति चले गए, उनके हस्ताक्षर से दे रहे अब भी आरटीआई का उनसे सम्बन्धित जवाब

locationअलवरPublished: Jul 01, 2019 09:52:34 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डॉ. भारत सिंह अपना कार्यकाल 18 जुलाई को पूरा कर चले गए हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय में सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब इस तिथि के बाद भी पूर्व कुलपति के हस्ताक्षर से ही दिया जा रहा है।

matsye university Vice-Chancellor disputed

कुलपति चले गए, उनके हस्ताक्षर से दे रहे अब भी आरटीआई का उनसे सम्बन्धित जवाब

राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डॉ. भारत सिंह अपना कार्यकाल 18 जुलाई को पूरा कर चले गए हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय में सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब इस तिथि के बाद भी पूर्व कुलपति के हस्ताक्षर से ही दिया जा रहा है।
विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. भारत सिंह का कार्यकाल 18 जून तक का था। वे इस तारीख के बाद इस पद से मुक्त हो गए। विश्वविद्यालय से मत्स्य विश्वविद्यालय संघर्ष समिति के संयोजक विष्णु चावड़ा ने यहां 2018 में हुई कनिष्ठ लिपिक व सहायक कर्मचारी की भर्ती से सम्बन्धित कागजात मांगे। इन कागजातो में भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के कार्यग्रहण करने सम्बन्धी कागजाज, कार्यवाहक रजिस्टार अनूपन सिंह को बनाने के लिए राज भवन भेजा गया पत्र और वहां से आई अनुमति सहित कई जानकारी मांगी थी। इसके लिए पहले लोक सूचना अधिकारी को 2 मई को आवेदन किया लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। बाद में इसकी प्रथम अपील अधिकारी कुलपति के यहां आवेदन किया गया।
कार्य मुक्त के बाद की तिथि का हस्ताक्षर-

पहले तो विश्वविद्यालय ने सूचना के अधिकार में जवाब ही नहीं दिया। जब जवाब दिया तो इसमें प्रथम अपील अधिकारी कुलपति डॉ. भारत सिंह के हस्ताक्षर है जिसमें 25 जून 2019 की तारीख लिखी हुई है। इसमें अब भी जवाब नहीं दिया गया है।
इस पत्र में लिखा है कि बिंदु संख्या एक व दो के अन्तर्गत चाही गई सूचना सेक्शन 8 ( जे ) के अन्तर्गत तृतीय पक्ष होने के कारण सूचना होने के कारण देय योग्य नहीं है। इसके अतिरिक्त बिंदू संख्या तीन के अन्तर्गत चाही गई सूचना पत्र के साथ संलग्न है। इसमें यह बात है कि पहली दो सूचना तो देने से इनकार कर दिया है जबकि वे भर्ती से सम्बन्धित सार्वजनिक सूचना है।
वहीं आवेदन कर्ता का कहना है कि बिंदू संख्या 3 के अन्तर्गत चाही गई सूचना का जवाब का संलग्न पत्र ही उन्हें नहीं मिला है।पहले भी लगे हैं आरोप-विश्वविद्यालय में कई पदों पर हुई भर्ती शुरु से ही विवादों के घेरे में रही है। इसकी शिकायत कई जागरूक युवाओं ने मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल को भी की।
इस मामले की जांच भी चल रही है।यह कहते हैं अधिकारी-मत्स्य विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार सरोज गुप्ता का कहना है कि यह जवाब पहले ही तैयार हो गया था लेकिन इसे बाद में भेजा गया है। इसकी नोटशीट पहले ही तैयार हो गई थी। कुलपति डॉ. भारत सिंह 18 मई को ही कार्यमुक्त हो गए थे। यह बाबू की गलती से हुआ है जिसने पत्र के ऊपर 25 जून तारीख डाल दी है। यदि इसके साथ जवाब नहीं मिला है तो दुबारा लिया जा सकता है।
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