राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग ने शाहजहांपुर के राउमावि एवं राबाउमावि में बने दो क्वारंटीन सेंटर को चिकित्सकीय सुरक्षा प्रदान कराने की सोच के साथ रविवार सायं सेंटरों पर आवश्यक चिकित्सकीय सामान सप्लाई में दिया गया। सप्लाइ मिले सामान पर लेबल सेनेटाइजर का लगा रखा था। लेकिन उनमें इंटीमेट हाइजीन वॉस निकाला। इससे वहां हड़कम्प मच गया।
हुआ यूं कि सेंटर पर कार्यरत चिकित्सा प्रभारी डॉ.नीलम वशिष्ठ की मौजूदगी में कार्यरत कर्मचारियों ने सेनेटाइजर की पैकिंग को प्रयोग में लेने के लिए निकाल हाथों पर लगाया। जिसमें सेनेटाइजर की बजाय अलग तरह की गंध आने पर कर्मचारियों ने उसे डॉ.वशिष्ठ को दिखाया। पैकिंग में संदेह होने पर उसके दोनों और चिपके लेबल को उखाड़कर देखा तो चिकित्सक एवं कार्यरत स्टाफ के ही होश उड़ गये।
चिकित्सकीय सुविधा के नाम पर धोखे व उच्चाधिकारियों की भारी चूक को लेकर मामले के संबन्ध में नीमराना तहसीलदार रविकान्त ङ्क्षसह को अवगत कराया। जिसकी जांच करने पहुंचे तहसीलदार की भनक स्थानीय पत्रिका संवाददाता को मिलने पर इस मामले को गम्भीरता से लिया। डॉ. वशिष्ठ ने बताया कि सेनेटाइजर के नाम पर भेजी गई दवा तो महिलाएं प्रयोग में लेती है। जिस पर सेनेटाइजर समझ कर उसी से हाथ साफ होना मान एक सेंटर पर मौजूद 159 एवं दूसरे सेंटर पर मौजूद 34 लोगों व दो दर्जन के करीब कर्मचारी व अन्य लोगों की भागीदारी होने के चलते कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव की बजाय भारी चूक होने पर बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती थी। लेकिन कर्मचारियों की सतर्कता के चलते बच गए।
तहसीलदार ने तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक सीएमएचओ डॉ.गजराजङ्क्षसह एवं अलवर के दवा सप्लाई से जुडे अधिकारियों को अवगत कराते हुए जिला कलक्टर की बैठक में भी दवा के नाम पर भारी चूक का मुद्दा उठाने की बात कहते हुए कार्यरत चिकित्सक एवं कर्मचारियों को ढाढ़स बंधाते हुए हिम्मत से काम पर लगे रहने की बात कही।
लेबल नहीं उखाड़ते तो हो सकती थी बड़ी चूक सेंटर पर कार्यरत चिकित्सक वशिष्ठ के अलावा शारीरिक शिक्षक धर्मपाल मीणा, भूपेन्द्र चौधरी, शिव कुमार, गिर्राज यादव, व्याख्याता सुनील यादव, ग्रामविकास अधिकारी रवि कुमार सहित ने तहसीलदार रविकान्त ङ्क्षसह के समक्ष सामने समस्या रखी। उन्होंने बताया कि सप्लाई पर संदेह किए बिना प्रयोग में अगर उसे काम में लेते तो सेन्टर पर मौजूद बड़ी संख्या में लोगों की देखभाल , खाना देने व अन्य प्रकार से संपर्क करते रहते तो कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकते थे। जिससे भारी चूक होने पर प्रदेश भर का बड़ा मामला हो सकता था।
सेंटर पर नहीं है कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ने बनाए सेंटरों में दूर दराज से पलायन करते लोगों को पुलिस ने भर्ती करा दिया जाता है। उनकी देखभाल का जिम्मा कर्मचारियों को दिया गया है। जिनकी देखभाल के समय सुरक्षा का ध्यान रखने के नाम पर कर्मचारियों को ना तो मास्क व्यवस्था, नहीं दस्तानों की व्यवस्था और ना ही अच्छे क्वारंटीन की व्यवस्था उपलब्ध की जा रही है। ऐसे में सेवारत कर्मचारी भी अपनी जान जोखिम में डाल अपने फर्ज को दबी जुबा पर निभाते प्रतीत हो रहे हैं।
मामले को गंभीर मानते हुए उच्चाधिकारियों को बताया है शाहजहांपुर में बनाए क्वारंटीन सेंटरों पर भेजी गई सेनेटाइजर की सप्लाई में अन्दर इन्टीमेेट हाइजीन वॉस होने की शिकायत पर जांच करने सेंटर पहुंचा था। मामले के संबन्ध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
रविकान्त, तहसीलदार,नीमराना