ये आंकड़े हैं बड़े सबूत
वर्ष 2018-19 में महीनेवार दवा खपत
अप्रेल2018-73.66 लाख
मई 2018- 78.59 लाख
जून 2018- 75.22 लाख
जुलाई 2018 – 81.69 लाख
अगस्त 2018- 86.79 लाख
सितम्बर 2018- 76.93 लाख
अक्टूबर 2018 – 88.45 लाख
नवम्बर 2018- 86.64 लाख
दिसम्बर 2018 – 91.76 लाख
जनवरी 2019- 96.98 लाख
फरवरी 2019- 113.97 लाख
मार्च 2019- 160 लाख
कुल करीब – 12 करोड़ की दवा
वर्ष 2019-20 को देखें
अप्रेल 2019- 103 लाख
मई 2019- 113 लाख
जून 2019 – 112 लाख
जुलाई 2019 -129 लाख
अगस्त 2019 126 लाख
सितम्बर 2019- 124 लाख
अक्टूबर 2019 – 124 लाख
नवम्बर 2019- 134 लाख
अब तक – करीब 10 करोड़ की दवा
——-
चिकित्सक की राय : सर्दी में बैक्टिरिया कम पनपते हैं
सर्दी व गर्मी की तुलना में गर्मी के दिनों में बैक्टिरिया तेजी से पनपते हैं। उन दिनों में बैक्टिरिया के लिए उपयुक्त तापमान होता है। तभी तो गर्मी के दिनों में खाद्य सामग्री दो घण्टे में खराब होने का डर रहता है लेकिन, सर्दियों में ऐसा नहीं है। दवाओं की खपत इन महीनों में बढ़ती है तो यह जांच का विषय है।
डॉ. ओपी मीना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर
वर्ष 2018-19 में महीनेवार दवा खपत
अप्रेल2018-73.66 लाख
मई 2018- 78.59 लाख
जून 2018- 75.22 लाख
जुलाई 2018 – 81.69 लाख
अगस्त 2018- 86.79 लाख
सितम्बर 2018- 76.93 लाख
अक्टूबर 2018 – 88.45 लाख
नवम्बर 2018- 86.64 लाख
दिसम्बर 2018 – 91.76 लाख
जनवरी 2019- 96.98 लाख
फरवरी 2019- 113.97 लाख
मार्च 2019- 160 लाख
कुल करीब – 12 करोड़ की दवा
वर्ष 2019-20 को देखें
अप्रेल 2019- 103 लाख
मई 2019- 113 लाख
जून 2019 – 112 लाख
जुलाई 2019 -129 लाख
अगस्त 2019 126 लाख
सितम्बर 2019- 124 लाख
अक्टूबर 2019 – 124 लाख
नवम्बर 2019- 134 लाख
अब तक – करीब 10 करोड़ की दवा
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चिकित्सक की राय : सर्दी में बैक्टिरिया कम पनपते हैं
सर्दी व गर्मी की तुलना में गर्मी के दिनों में बैक्टिरिया तेजी से पनपते हैं। उन दिनों में बैक्टिरिया के लिए उपयुक्त तापमान होता है। तभी तो गर्मी के दिनों में खाद्य सामग्री दो घण्टे में खराब होने का डर रहता है लेकिन, सर्दियों में ऐसा नहीं है। दवाओं की खपत इन महीनों में बढ़ती है तो यह जांच का विषय है।
डॉ. ओपी मीना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर
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डायरी लेकर भी गड़बडी हो रही
हो सकता है कि डायरियां लेकर गड़बड़ी करते हैं। डॉक्टरों के साथ मिलकर दवा लिखवा लेते होंगे। बहुत से लोग ऐसे है जो बीमार नहीं होते हैं तो उनसे ये डायरियां ले लेते होंगे। बजट खपाने का खेल होता है। पहले भी डायरियां पकड़ी गई हैं। कुछ चिकित्सक भी इसमें मिले होते हैं।
मुधसूदन शर्मा, अध्यक्ष, पेंशनर समाज अलवर
डायरी लेकर भी गड़बडी हो रही
हो सकता है कि डायरियां लेकर गड़बड़ी करते हैं। डॉक्टरों के साथ मिलकर दवा लिखवा लेते होंगे। बहुत से लोग ऐसे है जो बीमार नहीं होते हैं तो उनसे ये डायरियां ले लेते होंगे। बजट खपाने का खेल होता है। पहले भी डायरियां पकड़ी गई हैं। कुछ चिकित्सक भी इसमें मिले होते हैं।
मुधसूदन शर्मा, अध्यक्ष, पेंशनर समाज अलवर