थानाधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि 450 वर्ष पुराने ऐतिहासिक व प्राचीन बिहारी जी व शिव पार्वती मन्दिर में मूर्ति खण्डित करने वाले कस्बे के ही किला मोहल्ला निवासी आरोपी 32 वर्षीय ओमवीर सिंह नरूका उर्फ सत्ता उर्फ सतीष पुत्र इन्द्र सिंह राजपूत को भिवाड़ी से गिरफ्तार किया है।
मामले का खुलासा करते हुए थानाधिकारी ने बताया कि ओमवार सिंह नरूका को अपने घर से गायब होने पर संदेह के आधार पर भिवाड़ी से दस्तयाब किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ओमवीर सिंह नरूका ने बताया कि वह किसी उसका किसी लडक़ी से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लॉकडाऊन के कारण वह उसे अपने घर नहीं ला पाया। दो दिन पूर्व उसी लडक़ी ने किसी अन्य व्यक्ति के साथ शादी कर ली, जिसके बाद उसका भगवान से भरोसा उठ गया और उसने बिहारी जी के मन्दिर के अन्दर स्थित दीवार पर बने हनुमान जी के सिंदूर के चित्र पर पाँव रखा जिससे उसके पदचिन्ह चित्र पर छप गए और उसके पश्चात किले के अन्दर स्थित शिव मन्दिर में शिवलिंग व पार्वती की मूर्तियों को पत्थर से तोड़कर बाहर फेंक दिया था।
मूर्तियां खण्डित होने की मन्दिर पुजारी दीपक मिश्रा द्वारा सूचना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया तथा मामले की प्राथमिकी मन्दिर पुजारी द्वारा थाने में करवाई गई। किशनगढ़बास के किले में स्थित बिहारी जी के मंदिर व शिव मंदिर करीब 450 वर्ष पुराना मंदिर है जिसकी स्थापना राजा किशन चन्द नें करवाई थी। मंदिर की मान्यता व आस्था को लेकर दूर-दूर तक अपनी अलग पहचान है । मन्दिर दो चरणों में प्रात: 5 बजे से 9 बजे व सांय 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुलता है।